ऊना/वीरेंद्र बन्याल
55 से अधिक चिकित्सा अधिकारी और स्टाफ प्रशिक्षण में हुए शामिल, मॉक ड्रिल की आवश्यकता पर दिया गया जोर
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऊना के तत्वावधान में गुरुवार को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में अस्पताल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन योजना पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अस्पतालों को आपदा के समय त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार करना है।
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बढ़ती आपदाओं के बीच अस्पतालों को सतर्क रहने की जरूरत – डॉ. संजय मनकोटिया
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय मनकोटिया ने कहा कि बदलते जलवायु परिदृश्य और बढ़ती आपदाओं को देखते हुए सभी स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आपदा प्रबंधन योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में हर साल दो से तीन मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए ताकि आपात स्थितियों में प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
आपात स्थितियों में सेवाएं बनी रहें, इसी उद्देश्य से हो रहा प्रशिक्षण – प्रणव सेठी
कार्यक्रम में जलवायु एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञ प्रणव सेठी ने बतौर रिसोर्स पर्सन प्रशिक्षण प्रदान करते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों की आपातकालीन स्थितियों से निपटने की क्षमता को मजबूत बनाना है। साथ ही मरीजों, आगंतुकों और अस्पताल कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है।
55 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया भाग
इस प्रशिक्षण में जिला ऊना के आयुष विभाग, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, निजी और सरकारी क्लीनिकों, खंड स्तरीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लगभग 55 चिकित्सा अधिकारी, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी भाग ले रहे हैं।
प्रशिक्षण से जिला स्तर पर समन्वय भी होगा मजबूत – राजन कुमार शर्मा
प्रशिक्षण समन्वयक राजन कुमार शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल अस्पतालों की आपदा से निपटने की तत्परता बढ़ाएगा, बल्कि जिला स्तर पर समन्वय और शीघ्र पुनर्बहाली सुनिश्चित करने में भी मदद करेगा।
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