HNN/शिमला
हिमाचल में जंगली अनारदाना की कम पैदावार के कारण इसके दाम 200 से 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। जंगलों में आग और कम बारिश के कारण उत्पादन बीते साल के मुकाबले आधे से भी कम हुआ है।
पाकिस्तान से आयात बंद होने के कारण हिमाचल के जंगली अनारदाना की मांग बढ़ गई है। मसाला कंपनियां इसे हाथों हाथ लेती हैं क्योंकि इसमें खटास अधिक होती है और रंग चटक लाल होता है।
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अनारदाना की चटनी खाने में स्वादिष्ट होती है और गर्मी में पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। मसालों के अलावा आयुर्वेदिक दवाएं, पाचक चूर्ण और गोलियां बनाने में भी अनारदाना इस्तेमाल होता है।
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