HNN/शिमला
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सोशल मीडिया में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कुछ पदों को समाप्त किए जाने की सूचनाएं तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। ये सूचनाएं महज भ्रामक प्रचार हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों में ऐसे अनेक पद हैं जो कई वर्षोें से कार्यशील नहीं हैं। उन पदों का वर्तमान आवश्यकताओं के आधार पर पदनाम बदला जा रहा है। वर्तमान में क्लर्क, टाईपिस्ट के स्थान पर जेओए आईटी के पद सृजित कर भरे जा रहे हैं। ये पद खत्म नहीं किए जा रहे हैं. विभिन्न औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद उनका पदनाम बदला जा रहा है। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा 23 अक्तूबर 2024 को विभिन्न विभागों को एक पत्र भी जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में जो पद वर्षों से रिक्त पड़े हैं, जिनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है, उनकी जगह नए पद सृजित किए जा रहे हैं। जिन पदों की प्रासंगिकता नहीं है, विभाग उन्हें अपनी बजट बुक में शामिल रखते हैं और उनके आधार पर बजट संबंधी जरूरतों का आकलन कर प्रस्ताव सरकार को भेजते हैं।वित्त विभाग द्वारा ऐसे पदों की समीक्षा कर उनके स्थान पर वर्तमान आवश्यकता वाले पदों को सृजित करने संबंधित प्रस्ताव भेजता है, ताकि ऐसे पदों का समयबद्ध सृजन सुनिश्चित किया जा सके। जिन पदों की वर्तमान में आवश्यकता नहीं है जैसे कि गेस्टेटनर ऑपरेटर इत्यादि उनका लेखा-जोखा भेजने से वित्तीय भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। इस स्थिति को समाप्त करने और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग अन्य विभागों से विभिन्न सूचनाएं साझा करता है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पदनाम बदलना और नए पद सृजित करना निरंतर चलने वाली विभागीय प्रक्रिया है, जिसे समय समय पर विभाग पूरा करते हैं। वर्तमान सरकार ने अपने 22 माह के कार्यकाल में निरंतर भर्तियां की हैं और नए पद सृजित किए हैं। इस दौरान कई पोस्ट कोड के लंबित परीक्षा परिणाम घोषित कर युवाओं को निुयक्तियां प्रदान की गईं। सरकार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
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