मानसून सत्र: सदन में सीएम सुक्खू ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज लाने की करी घोषणा

HNN/ शिमला

आज से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही को राष्ट्रगान के साथ शुरू किया और सदन के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया पक्ष विपक्ष दोनों के सदस्यों का स्वागत किया। कुलदीप पठानिया ने दोनों पक्षों के सदस्य से सदन की कार्यवाही के संचालन में सहयोग दें और उम्मीद जताई कि सात दिन तक चलने वाले इस सदन में नियम की परिधि में रहकर ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य चर्चा करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस सदन में प्रदेश हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा से जूझ रहा है। इस आपदा से निपटने के लिए प्रदेश की जनता ने बहुत सहयोग रहा है। उन्होंने बताया कि यह चौदहवीं विधानसभा का तीसरा सत्र है। जो 25 सितंबर तक चलेगा और इसमें सात बैठकें होंगी।

उन्होंने बताया कि हर बार शनिवार को आम तौर पर सत्र के दौरान अवकाश रहता है पर इस बार अवकाश नहीं होगा। केवल रविवार को ही अवकाश होगा। पिछले साल मानसून सत्र में केवल चार बैठकें हुईं। उस वक्त यह सत्र भी एक महीने पहले हो गया था। यानी अगस्त में ही आयोजित हुआ। इस बार यह आपदा के चलते एक महीने से ज्यादा देरी से हो रहा है।

प्रदेश में आपदा से सैकड़ों लोगों की मृत्यु होने पर शोकोद्गार व्यक्त किया गया। 2:20 बजे शोकोद्गार समाप्त हुआ तो उसके बाद स्पीकर ने प्रश्नकाल की घोषणा की। मगर विपक्ष ने सारा काम रोककर केवल आपदा पर चर्चा करने को कहा। इस दौरान सदन में विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायकों में हल्की नोकझोंक भी हुई।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने नियम 67 के बजाय नियम 102 में प्रस्ताव रखा और प्रश्नकाल को निलंबित किया गया। इस पर विपक्ष ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस आपदा में 441 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

कुल्लू में लारजी प्रोजेक्ट को बहुत क्षति पहुंची है। प्रदेश के बिजली प्रोजेक्टों को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। विपक्ष के बाहर जाने के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि आपदा के वक्त भाजपा के लोग कह रहे थे कि मानसून सत्र बुलाया जाए। आज ये सत्र में गंभीर नहीं है।

सरकार ने नियम 102 के तहत प्रस्ताव दिया। इन लोगों के प्रस्ताव को भी अटैच किया गया है। इन्हें चर्चा में भाग लेना चाहिए, मगर ये गंभीर नहीं हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान आपदा के कारण राज्य के संसाधन गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मुलाकात की है। प्रदेश को एक राहत पैकेज की तुरंत आवश्यकता है। प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए प्रदेश सरकार विशेष राहत पैकेज लाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में यह घोषणा की।


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