HNN / शिमला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष आकाश नेगी ने एक बयान जारी करते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार से प्रदेश के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की मांग उठाई है। आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार को प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय में योग और मनोविज्ञान विषय की कक्षाएं शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल के तनाव भरे जीवन को सरल बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है।
कोरोना सहित अन्य बीमारियों के इलाज में योग पद्धति को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। युवा भी अपने आप को फिट रखने के लिए योग की शरण ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूती प्रदान कर रहा है। आकाश ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल्यकाल एक ऐसी अवस्था होती है ज़ब मानसिक-भावनात्मक और बौद्धिक विकास की प्रक्रिया गति पकडती है। मन किसी एक बात पर ठहर नहीं पाता और दिमाग सवालों से भर उठता है।
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इस उम्र में किशोर अपनी रचनात्मकता के शीर्ष पर होते हैं, लेकिन अगर चूक हो जाए तो विध्वंसक होने में भी देर नहीं लगती। अगर ऐसे में हम उनके जीवन की दशा और दिशा बदलने में योग और मनोविज्ञान का सहारा लें तो यह उनके एवं देश के सुनहरे भविष्य की नई कहानी लिखने में मदद करेगा। आकाश ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन विषयों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करती है तो इस कदम से नए रोजगार भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष बहुत से छात्र विश्वविद्यालय से योग और मनोविज्ञान विभाग से उत्तीर्ण होकर निकलते हैं।
उन छात्रों को प्रदेश के स्कूलों में नियुक्ति प्रदान कर के स्कूलों में योग और मनोविज्ञान की कक्षाओं को सुचारु रूप से चलाया सकता हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को मध्यनज़र रखते हुए प्रदेश सरकार को योग और मनोविज्ञान की कक्षाएं प्रत्येक विद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू करनी चाहिए। आकाश ने कहा कि विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द उनकी इस मांग को पूरा करेगी।
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