जनता का पैसा खर्च करके बोलते हो दिल्ली जाने के लिए परमिट लेने की जरूरत नहीं- एनके पन्डित

HNN/ मंडी

पिछले कल सोलन में मुख्यमन्त्री के उस ब्यान पर जिसमे उन्होंने कहा था कि मुझे दिल्ली जाने के लिये किसी से भी परमिट लेने कि जरुरत नहीं है पर राहुल -प्रियंका गाँधी सेना कांग्रेस के प्रदेश मीडिया इंचार्ज और राजीव गाँधी पंचायती राज सगंठन कांग्रेस पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी एन के पन्डित ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुखिया जय राम ठाकुर जनता के टैक्स का पैसा खर्च करके उडनखटोले से बार बार दिल्ली जाकर बोलते है कि मुझे किसी से परमिट लेने की जरूत नहीं ये समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमन्त्री नहीं भाजपा सरकार बदलेगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कि लड़ाई मुख्यमन्त्री से नहीं पर भाजपा सरकार से है। उन्होंने हिमाचल सरकार से मांग करते हुए कहा कि पेट्रोल और डीज़ल पर वैट कम करके मुख्यमन्त्री बढ़ती हुई पेट्रोल डीज़ल की कीमतों से जनता को राहत प्रदान करें क्योंकि प्रदेश का हर वर्ग पेट्रोल, डीज़ल, खाद्य तेल, रसोई गैस, अनाज और दालों के बढ़ते दाम पर हर प्रदेश वासी परेशान है और दूसरी ओर बेरोजगारी पर अंकुश लगाने में भी भाजपा सरकार बुरी तरह फेल साबित हुई है। पन्डित ने भाजपा पर तंज कस्ते हुए कहा कि भाजपा की तो पुरानी आदत है विपक्ष को कोसना।

क्योंकि भाजपा पहले जनता की आँखे छीन लेती है फिर चश्मा दान करती है। उन्होंने महँगाई बेरोजारी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा सरकार को खदेड़ने के लिये कांग्रेस पार्टी के पास बहुत मुद्दे है क्योंकि प्रदेश की जनता अब परिवर्तन चाहती है और कांग्रेस पार्टी 50+ सीट जीतकर हिमाचल में वापिसी करेगी जिसके लिये कांग्रेस पार्टी के तमाम संगठन चाहे छात्र NSUI, महिला कांग्रेस, कांग्रेस सेवा दल, इंटक, राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन, राहुल प्रियंका गाँधी सेना, ब्लॉक कांग्रेस, जिला कांग्रेस सब मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाने पर अपने तीर तरकस से निकलने लग चुके है।

उन्होंने भाजपा सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि विपक्ष को कमजोर समझना ही भाजपा सरकार की विदाई का प्रमुख कारण बनेगा। उन्होंने मुख्यमन्त्री के बार-बार दिल्ली जाने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि शिमला से दिल्ली बार-बार उड़नखटोले का टेक्सी की तरह घूमना प्रदेश हित में नहीं है क्योंकि इसमें जनता का पैसा और समय दोनों खराब होता है। मुख्यमन्त्री को चाहिए कि एक ही टूर पर क्यों नहीं काम निपटाते। दूसरे तीसरे दिन आखिर शिमला से दिल्ली कि याद क्यों मुख्यमन्त्री को सताने लगती है। इसमें तो भाजपा सरकार पर प्रश्न उठना तो स्वाभाविक है।

पन्डित ने एक अन्य प्रश्न का जबाब देते हुए कहा कि जो दवाईयाँ मेडिकल स्टोर पर तीन गुना दाम में गरीब असहाय जनता को बेचीं जाती है उसका जिम्मेदार कौन है जिस मेडिकल दवाई पर प्रिंट रेट औसतन 50 रुपये होता है वहीं दवाई मेडिकल स्टोर पर गरीब जनता को 150-200 में मिलती है। इसलिए जिस दवाई का बिल 200-300 बनना चाहिए वो 1000-1200 बन जाता है और अगर पूछो तो मेडिकल स्टोर वाले से दो टूक जवाब मिलता है इसमें कई तरह के खर्च जैसे डॉक्टर को गिफ्ट आदि सब प्रिंट रेट में जुड़े होते है और गरीब लोगों को मजबूरी में 3 गुना रेट देने पड़ते है। इस पर भी हिमाचल की भाजपा सरकार और स्वास्थ्य मन्त्री स्थिति स्पष्ट करते हुए जनहित में तुरंत इस गोरख धंधे पर अंकुश लगाए। जिससे कि प्रदेश की जनता को लाभ मिल सके।


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