HNN/ तपेंद्र ठाकुर पांवटा
लम्बे समय से गिरिपार का हाटी समुदाय उत्तराखंड के जौनसार बाबर क्षेत्र के जोंसारी समुदाय की तर्ज पर जनजातीय दर्जे की मांग कर रहा है। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की 144 पंचायतों में करीब पौने तीन लाख की आबादी हाटी समुदाय की है। परन्तु ये लोग उन अधिकारों से वंचित रह गए जो उन्हें जनजातीय क्षेत्र होने के कारण मिलने चाहिए थे। ऐसे में अब गुरु की नगरी पांवटा साहिब में गिरिपार क्षेत्र के हाटी लोगों ने बुधवार को अपने हक़ के लिए शांति पूर्वक तरीके से धरना प्रदर्शन किया। इस धरना प्रदर्शन में गिरिपार की हाटी महिलाएं ढाटू और हाटी पुरुष लोइया पहन कर पहुंचे।
पांवटा साहिब के शहिद स्मारक वाई प्वाइंट पर सभी हाटी लोग एकत्रित हुए। इस गुरु की पावन धरती में हटियो की ललकार गूंजी साथ ही नाटी लगाकर शानदार तरीके से धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन में हजारों की संख्या में हाटी समुदाय के लोगों ने भाग लिया। हाटी समुदाय अपनी मांग को लेकर वाई पॉइंट से मुख्य बाजार होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और वहां जमकर नारेबाजी की। इस दौरान हाटी समुदाय के हुजूम के नारों “हक नहीं तो वोट नहीं, हाटी अपना हक मांगते नहीं किसी से भीख मांगते” के नारों से पूरा शहर गूंज उठा।
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इसके बाद उन्होंने गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा की मांग को लेकर एक ज्ञापन एसडीएम पांवटा साहिब विवेक महाजन के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्व मंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भेजा। तहसील पांवटा साहिब ईकाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान व महासचिव गुमान सिंह वर्मा ने हाटियों को संबोधित करते हुए बताया कि यदि चार महीने के भीतर गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा नहीं दिया गया तो आंदोलन उग्र होगा जिसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
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