Himachalnow/शिमला
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कसुम्पटी में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया, 70 प्रतिशत आबादी पर कड़े फैसलों का असर नहीं होने का आश्वासन
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला जिले के कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 43.37 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत चलौंठी में 20.26 करोड़ रुपये की लागत से बने जिला परिषद भवन का लोकार्पण किया और इसका निरीक्षण किया। इसके बाद, मुख्यमंत्री ने 21.36 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित राजकीय महाविद्यालय कोटी के नए भवन और 1.75 करोड़ रुपये की लागत से बने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटी के नवनिर्मित साइंस ब्लॉक का भी उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटी में 10 बिस्तरों और पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कोटी में एक एंबुलेंस की व्यवस्था करने की भी घोषणा की, ताकि आपात स्थिति में स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। इसके अलावा, उन्होंने कोटी में पुलिस चौकी खोलने और कोटी-पदेची सड़कों के निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये देने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने शिमला से पीरन वाया कुफरी बस सेवा शुरू करने और सतलाई में नया पटवार वृत खोलने का भी एलान किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कोटी को प्रदेश का पहला कॉलेज बनाने की योजना का खुलासा किया, जहां बीएड कक्षाएं अगले शैक्षिक सत्र से शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के अन्य कॉलेजों में भी बीएड और आईटीआई शुरू करने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी गलत नीतियों के कारण प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरा था, लेकिन अब राज्य सरकार सुधार कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में 800 इंस्टीट्यूशन ऑफ एक्सीलेंस बनाए जा रहे हैं, और राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी व्यापक सुधार कर रही है, और शिमला के आईजीएमसी में मरीजों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे दुष्प्रचार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर ‘टॉयलेट टैक्स’ और ‘समोसा पॉलिटिक्स’ का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन वह इससे डरने वाले नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार के कड़े फैसलों का 70 प्रतिशत आबादी पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने गरीबों का हक साधन सम्पन्न लोगों को दे दिया और मुफ्त की रेवड़ियां बांट दीं। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश का खजाना खाली था, लेकिन सरकार ने कई अहम फैसले लेकर प्रदेश के विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी में 60 रुपये की वृद्धि की है, जिससे अब दिहाड़ी 240 रुपये से बढ़कर 300 रुपये हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 1.36 लाख कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को पूरा किया है और गाय और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर क्रमश: 45 रुपये और 55 रुपये कर दिया है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से उगाए गए गेहूं और मक्की को क्रमश: 40 रुपये और 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सब चुनावी लाभ के लिए नहीं किया गया है, बल्कि यह कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि गांवों में रहने वाले लोग बेहतर जीवन जी सकें। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनका उद्देश्य गरीबों को प्रदेश के संसाधनों का लाभ देना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में इस सोच को धरातल पर उतारने का प्रयास किया है और 6000 अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है।
इस मौके पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में विकास की कई परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने क्षेत्र के विकास को लटकाए रखा। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, एपीएमसी शिमला के अध्यक्ष देवानंद वर्मा, जिला परिषद शिमला की अध्यक्ष चंद्रप्रभा नेगी, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, सचिव राजेश शर्मा, निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राघव शर्मा, उपायुक्त अनुपम कश्यप सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।