बिलासपुर में स्पेस लैब और एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग क्लासरूम का उद्घाटन
बिलासपुर, 7 जनवरी 2025 – हिमाचल प्रदेश सरकार में नगर नियोजक आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रदेश के दूसरे स्पेस लैब और जिले के पहले एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग (एबीएल) क्लासरूम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम बिलासपुर स्थित बॉयज स्कूल में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर मंत्री ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह स्पेस लैब, बिलासपुर के शिक्षा सुधार अभियान का अहम हिस्सा है, जिसे विशेष रूप से विद्यार्थियों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है।
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स्पेस लैब की विशेषताएँ
मंत्री ने कहा कि इस स्पेस लैब में छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स और एयरोस्पेस तकनीक में व्यावहारिक अनुभव मिलेगा। यहां उपलब्ध उपकरणों में ड्रोन, 3D प्रिंटर, टेलिस्कोप और इसरो मिशन के मॉडल शामिल हैं, जो छात्रों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण विषयों के बारे में गहरी जानकारी प्रदान करेंगे।
उन्होंने बताया कि यह लैब न केवल बिलासपुर के विद्यार्थियों के लिए, बल्कि आस-पास के स्कूलों के बच्चों के लिए भी खुली होगी, ताकि वे इस क्षेत्र में अपनी रुचि और ज्ञान बढ़ा सकें।
स्पेस लैब की स्थापना
राजेश धर्माणी ने यह भी बताया कि इस स्पेस लैब की स्थापना के लिए एचडीएफसी बैंक ने 12 लाख रुपये की राशि सीएसआर फंड के माध्यम से प्रदान की। यह बिलासपुर में पहला स्पेस लैब है, और जिले में कुल पांच स्पेस लैब्स स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। ये लैब्स विज्ञान शिक्षा के क्षेत्रीय केंद्र के रूप में कार्य करेंगी।
इसके साथ ही, मंत्री ने यह भी बताया कि इसरो के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर, अहमदाबाद में शैक्षिक यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। अब तक 10 छात्रों को वहां भेजा जा चुका है, और 50 और छात्रों को भेजने की तैयारी है।

एबीएल क्लासरूम का उद्घाटन
इसके साथ ही, मंत्री ने जिले के पहले एबीएल (एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग) क्लासरूम का भी उद्घाटन किया। इस क्लासरूम में पारंपरिक रटने की प्रक्रिया से हटकर, इंटरएक्टिव और वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित शिक्षा पद्धति अपनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि एबीएल पद्धति में शिक्षक केवल मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और छात्र समूह चर्चा, विज्ञान प्रयोगों और रचनात्मक परियोजनाओं के माध्यम से सक्रिय रूप से शिक्षा प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
मंत्री ने इस पहल को सफल बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को कक्षा प्रबंधन, तकनीकी शिक्षा, और नवाचारों के एकीकरण के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
सम्मान और आभार
इस कार्यक्रम में मंत्री ने जिला बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक को उनके नवाचार कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया और उनकी सराहना की। इसके अतिरिक्त, एचडीएफसी बैंक के क्लस्टर हेड अंकज शर्मा, ब्रांच मैनेजर पंकज गुलरिया और एरिया हेड रितेश शर्मा को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने स्पेस लैब की स्थापना में योगदान दिया।
सम्मानित गणमान्य व्यक्ति
समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की, जिनमें शामिल थे:
- पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा
- एसपी बिलासपुर संदीप धवल
- सुनील शर्मा (कोऑपरेटिव बैंक बोर्ड और डायरेक्टर्स)
- पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य कमलेंद्र कश्यप
- बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्य जितेंद्र चंदेल
- स्कूल के प्रधानाचार्य श्याम लाल और अन्य विभागों के अधिकारी
यह पहल बिलासपुर के छात्रों के लिए एक नई दिशा और विकास के अवसर लेकर आई है। स्पेस लैब और एबीएल क्लासरूम जैसे नवाचार से न केवल विद्यार्थियों की सोच और रुचि में बदलाव आएगा, बल्कि यह उन्हें वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में बेहतर अवसरों के लिए तैयार भी करेगा। मंत्री राजेश धर्माणी के नेतृत्व में इस तरह के नवाचारों से हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को एक नई पहचान मिलने की संभावना है।
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