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शतरंज / आर. प्रगनानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 का खिताब जीता, डी. गुकेश को हराया

हिमाचलनाउ डेस्क | 3 फ़रवरी 2025 at 12:09 pm

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Himachalnow / Delhi

फाइनल में डी. गुकेश को हराया

भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स 2025 शतरंज प्रतियोगिता का खिताब जीत लिया। रविवार, 2 फरवरी को नीदरलैंड के विज्क आन जी में खेले गए फाइनल में उन्होंने अपने हमवतन डी. गुकेश को टाईब्रेकर में हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया।

कड़ा मुकाबला और टाईब्रेकर तक पहुंचा खेल

फाइनल मुकाबला पूरी तरह से भारतीय खिलाड़ियों के बीच था, जहां 13 राउंड के बाद दोनों ने समान अंक हासिल किए। प्रगनानंद के लिए खिताब जीतने के लिए केवल ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन वे जर्मनी के विंसेंट कीमर से हार गए। इसी तरह, गुकेश भी अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ अपना मुकाबला हार गए, जिससे फाइनल टाईब्रेकर में चला गया।

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ड्रामे से भरा टाईब्रेकर मुकाबला

टाईब्रेकर मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला। शुरुआती खेल में प्रगनानंद ने एक गलती कर दी, जिससे वे हार गए क्योंकि वे बेनोनी डिफेंस में उल्टे रंगों के साथ खेल रहे थे। हालांकि, दूसरे गेम में उन्होंने ट्रॉम्पोव्स्की ओपनिंग का लाभ उठाया और गुकेश की एक चूक का फायदा उठाते हुए स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।

इसके बाद मुकाबला सडन डेथ में चला गया, जहां सफेद मोहरों वाले खिलाड़ी को 2 मिनट और 30 सेकंड का समय मिला, जबकि काले मोहरों वाले खिलाड़ी को 3 मिनट का समय दिया गया। इस निर्णायक गेम में गुकेश ने अपना नियंत्रण खो दिया, जबकि प्रगनानंद ने अपनी बेहतरीन तकनीक का प्रदर्शन करते हुए खिताबी जीत हासिल कर ली।

गुकेश लगातार दूसरी बार टाईब्रेकर में हारे

गुकेश के लिए यह लगातार दूसरा वर्ष था जब वे टाईब्रेकर में हार गए। 2024 में भी वे चीन के वेई यी से टाईब्रेकर में पराजित हुए थे। इस बार भी वे फाइनल तक पहुंचे लेकिन निर्णायक मुकाबले में अपनी बढ़त बरकरार नहीं रख सके।

प्रगनानंद का मजेदार बयान

खिताब जीतने के बाद प्रगनानंद ने मजाकिया लहजे में कहा कि वे अपना खिताब अर्जुन एरिगैसी को उपहार में देना चाहते हैं, क्योंकि उन्होंने अंतिम दौर में गुकेश को हराया था और इसी वजह से टूर्नामेंट टाईब्रेकर तक पहुंचा।

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगा था कि अर्जुन, गुकेश को हरा देगा। कुछ समय तक तो ऐसा लगा कि गुकेश मजबूत स्थिति में हैं। जब मैंने परिणाम देखा, तो मैं खुद मुश्किल स्थिति में था और सिर्फ बचाव करने की सोच रहा था।”

एक नई उपलब्धि

इस शानदार जीत के साथ प्रगनानंद ने न केवल अपना पहला टाटा स्टील मास्टर्स खिताब जीता, बल्कि अपनी शतरंज यात्रा में एक नया मुकाम भी हासिल किया। यह खिताबी जीत उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

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