HNN/ नाहन
नाग देवता की उपासना का पर्व नाग पंचमी इस वर्ष दो अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर प्रदेश के सभी छोटे-बड़े शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी, जहां भक्त विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर भगवान शिव और नाग देवता को प्रसन्न करेंगे। बता दें कि सनातन धर्म में सर्पों को एक विशेष स्थान प्राप्त है। नाग देवताओं की पूजा के लिए कुछ दिनों को काफी शुभ माना जाता है जिसमें से एक श्रावण मास की पंचमी तिथि है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नागपंचमी तिथि
पंचमी तिथि प्रारंभ: 2 अगस्त 2022, मंगलवार, प्रातः 05:13 से
पंचमी तिथि समाप्त: 3 अगस्त 2022, बुधवार, प्रातः 05:41 पर
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 2 अगस्त 2022, मंगलवार, प्रातः 06:05 से प्रातः 08:41 तक
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नागदेवता के पूजन से मिलता है भगवान शिव का आशीर्वाद
हिंदू धर्म में नाग को भगवान शिव के गले का हार और भगवान विष्णु की शैय्या कहा गया है। ऐसे में माना जाता है कि नाग की पूजा करने से भगवान शिव और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
नाग पंचमी के दिन इन बातों का रखें खास ख्याल
माना जाता है कि नाग पचंमी के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दिन नाग देवताओं की पूजा करनी चाहिए, उन्हें जल चढ़ाना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए। नाग पंचमी के दिन सुई धागे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और ना ही इस दिन लोहे के बर्तन में खाना बनाना चाहिए। अगर कुंडली में राहु और केतु भारी हैं तो इस दिन सांपों की पूजा जरूर करें। ध्यान रहें कि इस दिन नाग देवता को दूध चढ़ाते समय पीतल के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। नाग पंचमी के दिन उस जमीन को बिल्कुल भी नहीं खोदना चाहिए जहां सांपों का बिल हो, ना ही इस दिन सांप को मारना चाहिए।
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