मोदी सरकार ने किसानों के हित में 31 मई 2023 को एक और बड़ा फैसला किया है। जी हां, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी गई।
इससे हर ब्लॉक में गोदाम बनाए जाएंगे। इस योजना के अमलीजामा पहनाए जाने के बाद अन्न की बर्बादी नहीं होगी।
भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक
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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना के अनुमति अनुमोदन पर निर्णय लिया गया है। अभी तक कुल 1450 लाख टन भंडारण की क्षमता है और अब 700 लाख टन भंडारण की क्षमता सहकारिता क्षेत्र में शुरू होगी।
हर ब्लॉक में 2000 टन भंडारण क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत विश्व में अनाज के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े उत्पादक देशों जैसे चीन, अमेरिका, ब्राजील, रूस, अर्जेंटिना आदि के पास अपने वार्षिक उत्पादन से अधिक की भंडारण क्षमता उपलब्ध है, लेकिन भारत में अन्न के भंडारण की क्षमता वार्षिक उत्पादन का केवल 47 प्रतिशत है।
परिणामस्वरूप अनाज की बर्बादी होती है। भारत में हर साल करीब 3,100 लाख टन खाद्यानों का उत्पादन होता है।
सिटीज 2.0 शुरू करने का निर्णय
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुधवार की बैठक में सिटीज 2.0 शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके भाग सिटीज 1.0 की तरह 3 ही रहेंगे। इसके ऊपर 1866 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के नौ साल पूरा करने पर कैबिनेट में पीएम मोदी को बधाई दी गई। देशवासियों का धन्यवाद भी किया गया।
सरकार की सफलता की लंबी फेहरिस्त है। नौ साल पहले लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था थी, आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
ग्रामीण लोगों को मिलेगा रोजगार
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अगले पांच सालों में सहकारिता क्षेत्र में भंडारण क्षमता को तेजी से बढ़ाया जाएगा। इसके बाद भंडारण क्षमता 2,150 लाख टन हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 2000 टन का अन्न भंडारण का गोदाम हर ब्लॉक में बनाया जाएगा। इसे लागू करने के लिए त्रि-स्तरीय व्यवस्था बनाई जाएगी।
सरकार के इस कदम से अन्य की बर्बादी रुकेगी। इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी और ग्रामीण क्षेत्र में अनाज भंडारण की क्षमता विकसित होने के कारण ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे।
इस योजना के लागू होने से भारत की खाद्यान सुरक्षा भी मजबूत होगी और जगह-जगह स्टोरेज उपलब्ध होने से किसानों की ढुलाई में आने वाली लागत में भी कमी आएगी।
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