लद्दाख पुलिस प्रमुख एसडी सिंह जमवाल ने कहा कि सोनम वांगचुक के भड़काऊ भाषणों से हिंसा भड़की, चार लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए।
लेह
डीजीपी का बड़ा बयान
लद्दाख के डीजीपी एसडी सिंह जमवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि 24 सितंबर को केंद्र के साथ होने वाली बातचीत से पहले कथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं के भाषणों ने हिंसा को भड़काया। उन्होंने दावा किया कि सोनम वांगचुक ने बातचीत की प्रक्रिया को पटरी से उतारने का काम किया।
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हिंसा और नुकसान
डीजीपी ने बताया कि करीब पांच से छह हजार लोगों ने सरकारी भवनों और राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हमला किया। इस दौरान चार लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में नागरिक, पुलिस तथा अर्धसैनिक बलों के जवान घायल हुए।
विदेशी लिंक की जांच
जमवाल ने कहा कि जांचकर्ता संभावित पाकिस्तानी संबंधों की भी जांच कर रहे हैं। उन्होंने वांगचुक की सीमा पार की यात्राओं और इस्लामाबाद स्थित अधिकारियों से कथित बातचीत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि दो और लोगों को पकड़ा गया है और विदेशी हस्तक्षेप की संभावना की जांच की जा रही है।
कर्फ्यू और सुरक्षा उपाय
डीजीपी ने बताया कि कर्फ्यू में दो चरणों में ढील देने की योजना बनाई गई है। उनका कहना था कि योजना और समन्वय पहले से किया गया था और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए गिरफ्तारी जरूरी थी।
एनएसए के तहत गिरफ्तारी
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया है। उन्हें शुक्रवार को लद्दाख में गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद रात को जोधपुर जेल स्थानांतरित किया गया। यह गिरफ्तारी हाल ही में लेह में हुए प्रदर्शनों के बाद की गई है।
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