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जया और विजया एकादशी 2025: जानें जया एकादशी कब है और विजया एकादशी कब है, साथ ही जानें सही मुहूर्त और महत्व

हिमाचलनाउ डेस्क | 7 फ़रवरी 2025 at 6:49 pm

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फरवरी 2025 में दो प्रमुख एकादशी तिथियां आने वाली हैं – जया एकादशी और विजया एकादशी। ये दोनों तिथियां भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती हैं और हिंदू धर्म में इनका विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन एकादशी तिथियों पर व्रत रखने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं इनका सही दिन, शुभ मुहूर्त और महत्व।


जया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

📅 तिथि: माघ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी
🕰️ प्रारंभ: 7 फरवरी 2025, शुक्रवार रात 9:26 बजे
🕰️ समाप्ति: 8 फरवरी 2025, शनिवार रात 8:15 बजे
📌 व्रत पालन की तिथि: 8 फरवरी 2025 (उदयातिथि के अनुसार)
🕰️ पारण का समय: 9 फरवरी 2025, सुबह 7:04 से 9:17 तक

🔹 जया एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जया एकादशी व्रत रखने से जातक को भूत-प्रेत बाधाओं और नीच योनियों से मुक्ति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे यश-वैभव की प्राप्ति होती है।

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विजया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

📅 तिथि: फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी
🕰️ प्रारंभ: 23 फरवरी 2025, रविवार दोपहर 1:55 बजे
🕰️ समाप्ति: 24 फरवरी 2025, सोमवार दोपहर 1:44 बजे
📌 व्रत पालन की तिथि: 24 फरवरी 2025 (उदयातिथि के अनुसार)
🕰️ पारण का समय: 25 फरवरी 2025, सुबह 6:50 से 9:08 तक

🔹 विजया एकादशी का महत्व

विजया एकादशी का नाम ही इसके महत्व को दर्शाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है और जीवन में विजय प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखने से सभी प्रकार की बाधाओं से छुटकारा मिलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


कैसे करें जया और विजया एकादशी व्रत?

1️⃣ स्नान और संकल्प:

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

2️⃣ भगवान विष्णु की पूजा:

  • तुलसी, फल, पंचामृत और दीप जलाकर श्री हरि की आराधना करें।

3️⃣ भजन-कीर्तन:

  • पूरे दिन भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें और आध्यात्मिक ग्रंथों का पाठ करें।

4️⃣ दान-पुण्य:

  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।

5️⃣ पारण का समय:

  • अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।

निष्कर्ष

जया और विजया एकादशी हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ तिथियां मानी जाती हैं। ये तिथियां न केवल आध्यात्मिक उन्नति देती हैं, बल्कि जीवन के कष्टों को दूर कर सुख-समृद्धि भी प्रदान करती हैं। यदि आप जीवन में सफलता और शांति चाहते हैं, तो इन एकादशियों का व्रत पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार अवश्य करें।

📌 आप इन एकादशियों पर व्रत रखने वाले हैं? कमेंट में जरूर बताएं! 🚩

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