हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में प्रशिक्षुओं की कम संख्या वाले ट्रेड बंद किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने पुराने ट्रेड सिखाने वाले प्रशिक्षकों को नए ट्रेड में प्रशिक्षित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस पर कार्यवाही शुरू होगी।
मुख्य बिंदु:
✔ कम लोकप्रिय ट्रेडों को हटाकर नई मांग के अनुसार कोर्स शामिल किए जाएंगे।
✔ पुराने प्रशिक्षकों को नए ट्रेडों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
✔ तकनीकी शिक्षा विभाग ने नए कोर्सों के लिए कंपनियों का चयन किया।
✔ शहरों में अधिक प्रशिक्षकों को अन्य संस्थानों में शिफ्ट किया जाएगा।
✔ दूरदराज के क्षेत्रों में प्रशिक्षकों की कमी दूर की जाएगी।
क्यों हो रहे हैं पुराने ट्रेड बंद?
📌 152 आईटीआई संस्थानों में कई ट्रेडों में प्रशिक्षुओं की संख्या नाममात्र रह गई है।
📌 90 के दशक के कोर्स अब प्रासंगिक नहीं रहे, इसलिए इन ट्रेडों को हटाया जा रहा है।
📌 तकनीकी शिक्षा विभाग अब उद्योगों की मांग के अनुसार नए कोर्स शुरू करेगा।
📌 नए सत्र से यह बदलाव लागू किया जाएगा।
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प्रशिक्षकों के पुनः प्रशिक्षण की योजना
📌 पुराने प्रशिक्षकों को पूछा गया कि वे कौन-से नए ट्रेड पढ़ाने में सक्षम हैं।
📌 तकनीकी शिक्षा विभाग ने कंपनियों के साथ मिलकर नए कोर्स तैयार किए हैं।
📌 सरकार से मंजूरी मिलने के बाद प्रशिक्षकों को नए ट्रेड की ट्रेनिंग दी जाएगी।
युक्तिकरण प्रक्रिया:
📌 शहरों के संस्थानों में प्रशिक्षकों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, जबकि दूरदराज के क्षेत्रों में प्रशिक्षकों की कमी है।
📌 अब प्रशिक्षकों को प्रशिक्षुओं की संख्या के आधार पर अन्य संस्थानों में शिफ्ट किया जाएगा।
📌 प्रत्येक आईटीआई में प्रशिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
✅ इस फैसले से आईटीआई संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिलेगा और नए तकनीकी कोर्सों के माध्यम से छात्रों को उद्योगों में बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे।
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