हमीरपुर जिले में जमीन के रिकॉर्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य भूमि मालिकों को भविष्य में बेहतर सुविधा प्रदान करना है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया: कैसे हो रहा है काम?
- प्रक्रिया: जमीन मालिकों की भूमि की ई-केवाईसी (KYC) का कार्य पटवारियों को सौंपा गया है।
- लाभ:
- आधार कार्ड से लिंक होने पर भूमि रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध होगा।
- दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए विभागीय चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
- डिजिटाइजेशन से प्रक्रियाएं तेज और पारदर्शी होंगी।
तहसीलदार का बयान
हमीरपुर के तहसीलदार सुभाष कुमार मल्होत्रा ने बताया कि यह प्रक्रिया भूमि मालिकों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
- आधार कार्ड लिंक के फायदे:
- केवल आधार नंबर से भूमि का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध होगा।
- दस्तावेज़ तक पहुंच आसान और समय की बचत होगी।
- चुनौतियां:
- कई क्षेत्रों में बंदोबस्त का रिकॉर्ड राजस्व विभाग तक नहीं पहुंचा है।
- इन क्षेत्रों की ई-केवाईसी प्रक्रिया अधूरी है।
डिजिटल पहल का व्यापक असर
- पूरे हिमाचल प्रदेश में युद्ध स्तर पर ई-केवाईसी का कार्य चल रहा है।
- सभी भूमि मालिकों से आधार कार्ड को जमीन के खाता नंबर से लिंक करने का आग्रह किया गया है।
- यह पहल डिजिटाइजेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भविष्य में कई योजनाओं और लाभों को सुगम बनाएगा।
जनता से अपील
तहसीलदार ने जिले के सभी भूमि मालिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने क्षेत्र के पटवारी के पास जाकर जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी पूरी कराएं। यह न केवल उनके लिए फायदेमंद होगा, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी आसान बनाएगा।
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