Himachalnow / धर्मशाला
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा मजबूती, बहुरेंगे दूध उत्पादकों और पशुपालकों के दिन
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 23 जनवरी (बृहस्पतिवार) को धर्मशाला के ढगवार में 225 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशीला रखेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे मेला ग्राउंड दाड़ी में जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
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मिल्क प्लांट का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश सरकार ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (LLPD) क्षमता वाले एक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण कर रही है, जिसे भविष्य में 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है। इस परियोजना से राज्य के दूध उत्पादकों और पशुपालकों के लिए नए अवसर और लाभ प्राप्त होंगे।
चार जिलों से दूध खरीद की योजना
इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद मुख्य रूप से कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर जिलों से की जाएगी। इससे लगभग आधा हिमाचल प्रदेश सीधे तौर पर लाभान्वित होगा। इसके अलावा, इन जिलों में सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है, ताकि दूध संग्रहण की प्रक्रिया मजबूत हो सके और स्थानीय डेयरी किसानों को बेहतर बाजार मिले।
उत्पादों की विविधता
यह मिल्क प्लांट दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज जैसी मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों का उत्पादन करेगा। इससे न केवल दूध उत्पादन की प्रक्रिया को सुदृढ़ किया जाएगा, बल्कि डेयरी उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा हिमाचल प्रदेश में दूध आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ‘हिम गंगा’ योजना की घोषणा की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों के लिए एक विश्वसनीय बाजार उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी।
समग्र विकास की दिशा में कदम
उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि इस मिल्क प्लांट के निर्माण से क्षेत्र में डेयरी फार्मिंग की लाभप्रदता में सुधार होगा और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इस परियोजना से स्थानीय डेयरी किसानों की भागीदारी और समावेशिता सुनिश्चित होगी।
इस अत्याधुनिक मिल्क प्लांट के निर्माण से राज्य के दूध उत्पादकों और पशुपालकों के लिए नए रोजगार और समृद्धि के रास्ते खुलेंगे। साथ ही, यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।
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