HNN/ नाहन
चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व आज उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। आज हिमाचल के विभिन्न जिलों से उगते सूरज को अर्घ्य दिया गया। चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है।
छठ पूजा में सूर्य भगवान और माता छठी की पूजा की जाती है। छठ पर्व में महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं। इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। छठ का पर्व साल में दो बार आता है। छठ की शुरुआत 28 अक्तूबर को नहाय खाय के साथ हुई थी। आज छठ पूजा का चौथा दिन यानी इसके समापन का दिन है।
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क्यों उगते सूरज को अर्घ्य देकर किया जाता है समापन?
आपको बता दें कि छठ की पूजा आस्था का प्रतीक है। इसको लेकर ऐसी मान्यता है कि उगते सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है। इतना ही नहीं साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है।
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