हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए शिक्षकों के लिए अनिवार्य आधारभूत मूल्यांकन आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के तहत 24 फरवरी को राज्यभर के 1999 शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
✔ 12 जिलों में शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाएगा।
✔ एक घंटे के मूल्यांकन सत्र आयोजित होंगे।
✔ मोबाइल फोन आधारित परीक्षा के जरिए शिक्षकों के ज्ञान अंतर की पहचान होगी।
✔ शिक्षा निदेशालय ने मूल्यांकन को अनिवार्य किया।
✔ मूल्यांकन के आधार पर शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाएंगे।
मूल्यांकन का उद्देश्य
📌 शिक्षकों के ज्ञान अंतर और गलत धारणाओं की पहचान करना।
📌 मूल्यांकन डिजाइन, ब्लू प्रिंट और कक्षा-आधारित मूल्यांकन को समझना।
📌 शिक्षकों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करना।
📌 शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को मजबूत करना।
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मूल्यांकन प्रक्रिया
📍 शिक्षकों का चयन एक स्तरीकृत यादृच्छिक नमूना पद्धति से किया गया है।
📍 मूल्यांकन शिक्षक व्यावसायिक विकास पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
📍 प्रत्येक सत्र एक घंटे का होगा, शिक्षक 30 मिनट पहले रिपोर्ट करेंगे।
📍 डाइट (DIET) केंद्रों पर मूल्यांकन आयोजित किया जाएगा।
जिलेवार शिक्षकों की संख्या
जिला | शिक्षकों की संख्या |
---|---|
कांगड़ा | 365 |
मंडी | 322 |
शिमला | 261 |
बिलासपुर | 118 |
चंबा | 181 |
हमीरपुर | 114 |
कुल्लू | 128 |
सिरमौर | 173 |
सोलन | 154 |
ऊना | 130 |
लाहौल-स्पीति | 24 |
किन्नौर | 29 |
निष्कर्ष
📢 मूल्यांकन के आधार पर शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण और सहायता सामग्री दी जाएगी।
📢 इस पहल से शिक्षकों की दक्षता और शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार होगा।
📢 शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए समय पर उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
✅ यह कदम हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।
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