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बजरंग पूनिया को लगा (Bajrang Punia Ban) बड़ा झटका: 4 साल के लिए कुश्ती रिंग से बाहर

Published ByHNN Desk Date Nov 27, 2024

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Himachalnow / Delhi

Bajrang Punia Ban: ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया पर नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने चार साल का बैन लगा दिया है। इस फैसले के बाद ना केवल उनका कुश्ती करियर प्रभावित होगा, बल्कि वह कोचिंग भी नहीं दे सकेंगे, चाहे भारत में हो या विदेश में। यह प्रतिबंध उनकी पूरी खेल यात्रा पर एक बड़ा असर डालेगा

भारतीय पहलवान और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने 4 साल के लिए निलंबित (Bajrang Punia Ban) कर दिया है। यह प्रतिबंध तब लगाया गया जब बजरंग ने 10 मार्च को राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल देने से इनकार कर दिया था। नाडा का यह फैसला बजरंग पूनिया के कुश्ती करियर पर भारी असर डालेगा, क्योंकि अब वह प्रतिस्पर्धी कुश्ती में भाग नहीं ले पाएंगे और न ही विदेश में कोचिंग दे पाएंगे।

Bajrang Punia Ban: नाडा ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बैन क्यों लगाया?

यह मामला उस वक्त का है जब बजरंग पूनिया ने राष्ट्रीय टीम चयन ट्रायल के दौरान डोपिंग टेस्ट देने से मना कर दिया। इसके बाद नाडा ने 23 अप्रैल को उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित किया, और इसी के बाद विश्व कुश्ती संघ (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भी उन्हें निलंबित कर दिया। इस निलंबन का मतलब है कि उन्हें न तो कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति मिलेगी और न ही उन्हें विदेशों में कोचिंग देने की अनुमति होगी।

बजरंग पूनिया का बयान: नमूना देने से इनकार नहीं किया था

Bajrang Punia Ban

बजरंग पूनिया ने कहा कि उन्होंने कभी भी डोपिंग टेस्ट के लिए नमूना देने से इनकार नहीं किया। उनका कहना था कि वह केवल नाडा की प्रतिक्रिया जानना चाहते थे, जिसमें उन्होंने पूछा था कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर किट क्यों भेजी गईं। नाडा ने अपनी कार्रवाई का कारण स्पष्ट करते हुए बताया कि चैपरोन/डीसीओ ने उनसे विधिवत संपर्क किया था और यह बताया था कि डोप विश्लेषण के लिए उन्हें मूत्र का नमूना देना आवश्यक है। बजरंग ने अपने लिखित अभिवेदन में कहा कि नाडा के पिछले दो उदाहरणों ने उनके मन में अविश्वास पैदा किया।

बजरंग पूनिया ने निलंबन के खिलाफ की थी अपील

नाडा द्वारा निलंबित किए जाने के बाद बजरंग पूनिया ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी। नाडा के अनुशासनात्मक डोपिंग पैनल (ADDP) ने आरोपों की औपचारिक सूचना जारी होने तक निलंबन को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया था। 31 मई तक अस्थायी निलंबन हटाए जाने के बाद, नाडा ने 23 जून को बजरंग को नोटिस भेजा। इसके बाद 11 जुलाई को उन्होंने निलंबन को लिखित रूप से चुनौती दी। 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई, लेकिन अंत में यह फैसला उनके पक्ष में नहीं आया।

नाडा का निर्णय: चार साल का बैन

एडीडीपी ने अपना अंतिम आदेश जारी करते हुए कहा कि बजरंग पूनिया अनुच्छेद 10.3.1 के तहत प्रतिबंधों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें चार साल के लिए बैन कर दिया गया। इसके चलते न केवल वह कुश्ती में भाग नहीं ले पाएंगे, बल्कि उन्हें विदेशों में कोचिंग देने की भी अनुमति नहीं होगी। आदेश में यह भी कहा गया कि यह चार साल की अवधि 23 अप्रैल 2024 से शुरू होगी, जब अधिसूचना भेजी गई थी।

बजरंग पूनिया के करियर पर असर

इस चार साल के बैन के बाद बजरंग पूनिया का करियर एक बड़े मोड़ पर आ गया है। उनका कुश्ती करियर तो प्रभावित होगा ही, साथ ही अब वह विदेशों में कोचिंग भी नहीं दे पाएंगे। यह बैन उनके लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल पहलवान रहे हैं।

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