Himachalnow / पांवटा साहिब
सिरमौर, 26 दिसंबर: सिरमौर जिले में अमरूद और लीची की पैदावार को प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग ने शिवा प्रोजेक्ट के तहत योजनाबद्ध प्रयास शुरू किए हैं। पांवटा साहिब को इस प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में चयनित किया गया है, जहां बड़े पैमाने पर अमरूद और लीची के पौधों का रोपण किया जा रहा है।
पांवटा साहिब में शुरू हुआ अमरूद और लीची का अभियान
बागवानी विभाग ने पांवटा के सिंबलवाड़ा, ज्ञानीवाला, भूपुर, और फतेहपुर सहित कई क्षेत्रों में अमरूद और लीची के बगीचे तैयार किए हैं।
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- इन क्षेत्रों में 12 फ्रंटलाइन डेमोंस्ट्रेशन स्थापित किए गए हैं।
- कुल 11 बीघा भूमि पर 1,782 पौधे लगाए गए हैं।
- यह कदम बागवानी की उन्नति और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सिरमौर का मौसम: अमरूद और लीची के लिए उपयुक्त
बागवानी विभाग के उपनिदेशक एस.के.एस. बक्षी ने बताया कि सिरमौर जिला सम-शीतोष्ण जलवायु में आता है। यह मौसम अमरूद और लीची की खेती के लिए अत्यधिक अनुकूल है।
- विभाग का उद्देश्य है कि इन फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया जाए।
- फसल के लिए बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए जलशक्ति विभाग को अनुदान दिया गया है।
किसानों के लिए विशेष सुविधाएं
शिवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत, किसानों को कई तरह की सहायता प्रदान की जा रही है:
- बेहतर सिंचाई सुविधाएं: जल शक्ति विभाग को अनुदान देकर किसानों को उन्नत सिंचाई सुविधाएं दी जा रही हैं।
- फलों का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग): किसानों को अपने फलों को प्रोसेस कर बेचने की सुविधा के लिए योजना में प्रावधान किया गया है।
- संगठित मार्केटिंग: फसलों की मार्केटिंग को कोऑपरेटिव सेक्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, ताकि किसान बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।
बेहतर बाजार और प्रोसेसिंग सुविधाएं
शिवा प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य न केवल फसलों की पैदावार को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें बेहतर तरीके से बाजार तक पहुंचाना भी है।
- यदि किसान अपने उत्पादों को प्रोसेस करके बेचना चाहते हैं, तो इसके लिए भी योजना के तहत प्रावधान किए गए हैं।
- प्रोजेक्ट को कोऑपरेटिव सेक्टर मॉडल पर विकसित किया जा रहा है ताकि बाजार की चुनौतियों को आसानी से टैकल किया जा सके।
2,085 हेक्टेयर भूमि को कवर करने का लक्ष्य
शिवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत जिले में लगभग 2,085 हेक्टेयर भूमि को अमरूद और लीची की खेती के लिए विकसित किया जाएगा।
- इसके तहत पांवटा ब्लॉक को एक प्रमुख क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
- गवावा और लीची की खेती को प्रमुखता दी जा रही है, जिससे किसानों को फसल विविधीकरण के लाभ मिलेंगे।
शिवा प्रोजेक्ट के तहत सिरमौर में अमरूद और लीची की खेती को बढ़ावा देना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह कदम न केवल उत्पादन को बढ़ाएगा, बल्कि फलों के प्रोसेसिंग और बेहतर मार्केटिंग से किसानों की आय भी दोगुनी करने में सहायक होगा। इस प्रोजेक्ट से न केवल सिरमौर जिला, बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश को लाभ मिलेगा।
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