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ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में मिलाए जाने का सीपीआई ने किया कड़ा विरोध

Published BySAPNA THAKUR Date Feb 13, 2022

HNN/ शिमला

नगर निगम शिमला में ग्रामीण क्षेत्र शामिल किए जाने पर जारी अधिसूचना का सीपीआई(एम) कसुम्पटी इकाई ने कड़ा विरोध किया है। सीपीआई(एम) नेता और राज्य सचिवमण्डल के सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह तँवर द्वारा शनिवार को जारी बयान में कहा कि पुराना मर्ज्ड एरिया अभी तक नगर निगम में मिलने का खामियाजा भुगत रहा है। नगर निगम पुराने मर्ज्ड एरिया में बने मकानों को अवैध मानती है।

अभी भी इस क्षेत्र में बिजली और पानी के कनेक्शन व्यवसायिक तौर पर दिये जा रहे हैं जिससे जनता पर बोझ पड़ रहा है उन्हें बिजली और पानी के बिल व्यावसायिक दरों पर देने पड़ रहे हैं। मर्ज्ड एरिया में रहने वाले काश्तकारों और स्थानीय बाशिंदों के बारे में भी सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं है। सरकार ग्रामीण क्षेत्र को नगर निगम में मिलाकर यहा से सिर्फ टैक्स उगाही करना चाहती है मगर जनता को राहत नहीं देना चाहती।

डॉ. तँवर ने कहा कि नगर निगम में लाने के लिए सरकार ने न पहले और न अब क्षेत्र की जनता को विश्वास में लिया। सरकार हमेशा अपने चन्द चहेतों और व्यावसायिक हित साधने वालों को खुश करने के लिए आनन-फानन में फैसला लिया है जबकि मर्ज्ड होने के बाद जनता को आने वाली दिक्कतों और क्षेत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव या इसकी पेचिदगियों पर गौर नहीं करती।

बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल किए जाने से किसानों की मुश्किलें बढ़ेगी और सरकार द्वारा किसानों के लिए दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के किसान वंचित हो जाएंगे। लिहाजा किसानों को बीज, खाद, उपकरण पर दी जाने वाली सब्सिडी नहीं मिल पाएगी।

कसुम्पटी लोकल कमेटी के सचिव सत्यवान पुण्डीर ने कहा कि सरकार स्मार्ट सिटी और अमृत मिशन की शर्तों को पूरा करने के लिए नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार कर रही है ताकि अपने चहेते ठेकेदारों को काम देकर उस पैसे को शिमला शहर को चमकाने में लगा सके। पुण्डीर ने कहा कि सरकार ने पुराने मर्ज्ड एरिया की समस्याओं का हल तो दशकों से निकाला नहीं और एक बार फिर से ग्रामीण जनता को कुएं में धकेलने की कोशिश कर रही है।

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