श्री कालीस्थान मंदिर प्रबंधन समिति श्रद्धालुओं के लिए अगली बार से करेगी निशुल्क पार्किंग की व्यवस्था
HNN/नाहन
देश-प्रदेश सहित नाहन शहर में भी नवरात्रों का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। एक ओर जहां जिला सिरमौर को मां बाला सुंदरी शक्तिपीठ का जिला में होने का सौभाग्य प्राप्त है। वहीं साक्षात रूप से विराजमान प्रत्यक्ष प्रमाण देने वाली मां काली का ऐतिहासिक मंदिर रियासत कालीन शहर नाहन में स्थापित है।
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हर वर्ष की भांति इस बार भी नवरात्रों के ऊपर श्री कालीस्थान मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा स्थानीय प्रभारी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की गई थी। प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता व सचिव देवेंद्र अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 9 दिनों से नवरात्रों के दौरान भक्तों की सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।

जिसमें बैठने, आराम करने तथा जलपान आदि के लिए भी व्यवस्थाएं की गई थी। साफ-सफाई का उचित ध्यान रखा जा सके इसको लेकर प्रबंधन समिति से जुड़े सेवादारों का इस बार विशेष योगदान रहा। देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि नवरात्रों की शुरू के 6 दिनों में मंदिर में इतनी भीड़ नहीं थी। मगर सप्तमी, अष्टमी और नवमी को मंदिर में भक्तों का अपार समूह उमड़ा।

प्रबंधन समिति के अध्यक्ष योगी किशोरी नाथ जी ने बताया कि इस शक्तिपीठ में महामाया काली प्रत्यक्ष रूप से विराजमान है उन्होंने बताया कि जो भक्त यहां सच्चे मन से कोई भी इच्छा लेकर आता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

बड़ी बात तो यह है कि मां काली का मंदिर होने के बावजूद यहां बलि प्रथा रियासत काल से प्रतिबंधित है। श्रद्धा स्वरूप माता को यहां पर बली स्वरूप जीवित पशु ही भेंट किया जाता है।
यह है मंदिर का इतिहास….
बता दें कि इस मंदिर का निर्माण राजा विजय प्रकाश ने कुमाऊं के राजा कल्याण चंद की पुत्री की इच्छा पर 1730 ई. में किया था। बताया जाता है कि रानी मां काली की परम भक्त थी। जब उनका विवाह नाहन के राजा से हुआ था तो वह अपने साथ मां काली की मूर्ति पिंडी स्वरूप लाई थी। बताया जाता है कि इस मंदिर में पूजा और व्यवस्थाओं का जिम्मा राजा के द्वारा नाथ संप्रदाय को सौंपा गया था। और आज भी इस मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी नाथ संप्रदाय के पास ही है।

मंदिर की स्थापना के कुछ समय तक यहां पशु की बली दी जाती थी। मगर बाद में मां काली को बली स्वरूप नारियल पेंट किया जाने लगा। समिति के उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता ने बताया कि उनकी समिति का प्रयास रहेगा कि अगली बार थे यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कम से कम 20 दिनों के लिए प्रशासन की ओर से निशुल्क पार्किंग का स्थान लिया जाए। मंदिर प्रबंधन समिति के द्वारा इस बार कन्या पूजन के लिए अलग से की गई व्यवस्थाओं की श्रद्धालुओं ने जमकर प्रशंसा भी की है।

वहीं प्रबंधन समिति का अगला प्रयास यह भी रहेगा कि जबरन भिक्षा मांगने वाली लोगों के ऊपर नकेल कसी जाए।

मंदिर प्रबंधन समिति ने बताया कि सोमवार 23 अक्टूबर को माता की विशाल चौंकी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें नाहन की ही मनमोहन एंड पार्टी के द्वारा माता का गुणगान किया जाएगा। इस विशाल चौंकी की आयोजन का स्थान कालीस्थान मंदिर के प्रांगण में रखा गया है।

वहीं देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि चौदस के दिन नया बाजार समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जा रहा है।

मंदिर की तमाम व्यवस्था में श्री कालीसतान मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारी दुर्गेश चौहान, मार्गदर्शक सुभाष बंसल, कोषाध्यक्ष शरद बंसल, सेवकों में दुर्गा प्रसाद, सुखचैन ठाकुर, कुन्नापसी, अमर ठाकुर, धीरज चौधरी आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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