Himachalnow / शिमला
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दी स्वीकृति, जल्द शुरू होगी निर्माण प्रक्रिया
नाबार्ड की मंजूरी से प्रदेश में सड़क विकास को मिलेगा बढ़ावा
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हिमाचल प्रदेश में सड़क विकास को गति देने के लिए नाबार्ड ने 162 करोड़ रुपये की लागत से 15 सड़कों और पुलों के निर्माण को मंजूरी दी है। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल एंड एक्सपेंडिचर सेंक्शन (एडीएस) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस मंजूरी के साथ ही इन परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग मार्च महीने की शुरुआत में इन सड़कों के निर्माण कार्य को शुरू कर सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क संपर्क को मिलेगा नया आयाम
नाबार्ड द्वारा स्वीकृत इन परियोजनाओं में दो पुलों का निर्माण भी शामिल है। हिमाचल के ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क को मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नाबार्ड की सहायता से बनने वाली इन सड़कों में कई प्रमुख मार्ग शामिल हैं, जिनमें शहीद सुदेश मार्ग, सुबाथू से चपला बैरघाट रोड, रेहाला से मथान मार्ग और कई अन्य सड़कें शामिल हैं।
राज्य सरकार और केंद्र के सहयोग से मिल रहा लाभ
पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रही है, जिससे प्रदेश को सड़क विकास योजनाओं का लाभ मिल रहा है। नाबार्ड के अलावा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) और नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भी सड़क निर्माण कार्यों को गति दी जा रही है।
457 करोड़ की लागत से 50 और सड़क परियोजनाएं मंजूर
नाबार्ड ने हिमाचल प्रदेश को इस वित्तीय वर्ष में 50 सड़क और पुल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं की कुल लागत 457 करोड़ रुपये होगी। इनमें से 35 परियोजनाओं के लिए पहले ही 295 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं और इनका निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है।
जुब्बल-कोटखाई में दो सड़कों के अपग्रेडेशन को मिली स्वीकृति
राज्य सरकार ने राजधानी शिमला के जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में दो प्रमुख सड़कों के उन्नयन के लिए 9.21 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। नाबार्ड की वित्तीय सहायता से बनने वाली इन सड़कों में माल्टू सराह बधल रोड और मंधोल से हरिजन बस्ती तक का मार्ग शामिल है। इन सड़कों की मंजूरी 14 जनवरी को मिली थी और अब एडीएस मिलने के बाद टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी परियोजना में कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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