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हिमाचल में संस्कृत शिक्षक बनने के लिए अब बीएड अनिवार्य , भर्ती एवं पदोन्नति के नए नियम जारी

हिमांचलनाउ डेस्क नाहन | 21 फ़रवरी 2025 at 1:25 pm

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संस्कृत शिक्षकों के लिए नए मानदंड, भर्ती प्रक्रिया में बदलाव

संस्कृत शिक्षकों के लिए बीएड अनिवार्य

हिमाचल प्रदेश में संस्कृत शिक्षक बनने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए बीएड अब अनिवार्य कर दिया गया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने टीजीटी संस्कृत पदों की भर्ती और पदोन्नति के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं। इसके तहत संस्कृत विषय के साथ स्नातक (बीए) और स्नातकोत्तर (एमए) करने वाले अभ्यर्थी भी अब शास्त्री शिक्षक बनने के योग्य होंगे।

यदि शास्त्री कोर्स में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक नहीं हैं, तो उम्मीदवार एमए के अंकों के आधार पर भी नौकरी के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा, 2011 से पहले बीएड में दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों को न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता से छूट प्रदान की गई है।

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भर्ती प्रक्रिया और वेतनमान

टीजीटी संस्कृत पदों पर लोक सेवा आयोग या चयन आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती की जाएगी। बैचवाइज भर्ती के लिए डिग्री प्राप्त करने की वरिष्ठता के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाएगी।

प्रारंभिक नियुक्ति अनुबंध के आधार पर होगी, जिसमें शिक्षकों को 21,360 रुपये वेतन मिलेगा। सरकारी स्कूलों में टीजीटी संस्कृत कैडर के तहत कुल 4,321 पद हैं। भर्ती के लिए 18 से 45 वर्ष की आयु के उम्मीदवार पात्र होंगे।

संस्कृत शिक्षक बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं

संस्कृत शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए निम्नलिखित योग्यताएं अनिवार्य हैं:

  • किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से शास्त्री या संस्कृत के एक अनिवार्य विषय के साथ स्नातक
  • संस्कृत में स्नातकोत्तर (एमए) या आचार्य डिग्री के साथ बीएड।
  • सीनियर सेकेंडरी में कम से कम 50% अंकों के साथ प्रारंभिक शिक्षा में चार वर्षीय बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन (बीएलएड)।
  • एनसीटीई मान्यता प्राप्त संस्थान से संस्कृत विषय के साथ चार वर्षीय कला शिक्षा स्नातक या विज्ञान शिक्षा स्नातक।
  • स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
  • 29 जुलाई 2011 से पहले बीएड या प्रारंभिक शिक्षा स्नातक में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम अंकों की बाध्यता लागू नहीं होगी।

पदोन्नति नियम और दुर्गम क्षेत्रों की सेवाएं

संस्कृत शिक्षकों की पदोन्नति के लिए दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में दी गई सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन शिक्षकों ने ऐसे क्षेत्रों में सेवाएं नहीं दी हैं, उन्हें उनकी वरिष्ठता के अनुसार वहां स्थानांतरित किया जाएगा।

एसएमसी शिक्षकों के लिए विशेष कोटा

सरकार ने स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के तहत कार्यरत शिक्षकों को नियमित करने के लिए टीजीटी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव किया है।

  • एसएमसी शिक्षकों को लिमिटेड डायरेक्ट रिक्रूटमेंट (एलडीआर) कोटा दिया जाएगा।
  • प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वर्तमान में 2,408 शिक्षक एसएमसी आधार पर कार्यरत हैं, जिन्हें इस कोटे के तहत नियमित होने का अवसर मिलेगा।

भर्ती प्रक्रिया में कोटा विभाजन

नए नियमों के अनुसार, टीजीटी संस्कृत भर्ती में कोटा निम्नलिखित रूप से विभाजित किया गया है:

  • 37.5% कोटा सीधी भर्ती के लिए होगा, जिसे राज्य चयन आयोग द्वारा भरा जाएगा।
  • 32.5% कोटा बैचवाइज भर्ती के लिए निर्धारित किया गया है।
  • 0.5% कोटा एलडीआर (एसएमसी शिक्षकों) के लिए होगा।
  • 25% कोटा पदोन्नति के लिए सुरक्षित रखा गया है, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।

स्नातकोत्तर डिग्री अब पात्रता में शामिल

यदि किसी अभ्यर्थी के स्नातक में न्यूनतम अंक पूरे नहीं हैं, तो अब स्नातकोत्तर (एमए) के अंकों के आधार पर भी आवेदन किया जा सकता है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।

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