Himachalnow / Shimla
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक ये कर्मचारी अपने पदों पर बने रहेंगे। इस आदेश से राज्य के हजारों कर्मचारियों को राहत मिली है, जो हाल ही में अपनी नौकरियों को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे थे। मामले की अगली सुनवाई जल्द ही निर्धारित होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कौशल विकास निगम के तहत तैनात तीन जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की सेवाएं समाप्त करने के फैसले पर रोक लगा दी है। निगम ने इन कर्मचारियों की सेवाएं 30 नवंबर से समाप्त करने का निर्णय लिया था, जिसे याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी। न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं और राज्य सरकार समेत सभी प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।
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सरकारी आदेश और तैनाती का संदर्भ
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 26 अक्तूबर को आदेश जारी कर कौशल विकास निगम के प्रोजेक्ट को 30 जून 2025 तक बढ़ा दिया है। इन कर्मचारियों की नियुक्ति 2017 में स्वीकृत पदों पर की गई थी और इन्हें समय-समय पर सेवा विस्तार दिया गया। निगम ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से इन्हें आउटसोर्स आधार पर तैनात किया था।
यथास्थिति बनाए रखने का आदेश
अदालत ने मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अगली सुनवाई तक कर्मचारियों की सेवाएं बनाए रखने का आदेश दिया है। इस फैसले से प्रभावित कर्मचारियों को अस्थायी राहत मिली है, जो अपनी सेवाओं की समाप्ति को लेकर अनिश्चितता में थे।
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