शिमला
आधार प्रमाणीकरण डिवाइस की वैधता खत्म, विभाग ने केंद्र से मांगा एक्सटेंशन, नई मशीनें नहीं आईं तो OTP से होगी पहचान
आधार डिवाइस की वैधता समाप्त होने के बाद बदलाव
हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन लेने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब उपभोक्ताओं को अंगूठा लगाकर पहचान साबित नहीं करनी होगी, बल्कि उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से सत्यापन किया जाएगा। यह परिवर्तन इसलिए किया जा रहा है क्योंकि डिपुओं में इस्तेमाल हो रही आधार प्रमाणीकरण डिवाइस की तकनीकी वैधता समाप्त हो चुकी है।
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नई डिवाइस नहीं आईं तो OTP से काम चलेगा
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इन पुरानी बायोमीट्रिक मशीनों के लिए एक्सटेंशन मांगा है। यदि एक्सटेंशन नहीं मिली, तो जल्द ही नई एल-वन श्रेणी की मशीनों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वर्तमान में प्रयोग में लाई जा रही एल-जीरो डिवाइस को UIDAI ने तकनीकी रूप से अस्वीकार कर दिया है, जबकि अब केवल एल-वन डिवाइस ही मान्य मानी जाएंगी।
पुरानी मशीनों से उपभोक्ताओं को थी दिक्कत
राज्य में करीब 19 लाख उपभोक्ता पीडीएस का लाभ ले रहे हैं। पुराने डिवाइस से बार-बार अंगूठे की पहचान में समस्या आ रही थी, जिससे कई उपभोक्ताओं को राशन लेने में परेशानी हो रही थी। इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने जब तक नई डिवाइस नहीं आती, तब तक ओटीपी आधारित प्रणाली लागू करने का फैसला लिया है। अब उपभोक्ताओं को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, जिसे दिखाकर राशन लिया जा सकेगा।
फर्जीवाड़ा रोकने को जरूरी हैं प्रमाणीकरण डिवाइस
इन बायोमीट्रिक मशीनों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि राशन वास्तविक लाभार्थी को ही मिले। अंगूठे की पहचान प्रणाली से वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहती है और फर्जीवाड़ा रोका जा सकता है। विभाग के अनुसार, जो मशीनें 2017 में खरीदी गई थीं, वे अब तकनीकी रूप से अप्रासंगिक हो गई हैं। विभाग ने एक माह की वैधता विस्तार के लिए आवेदन भेजा है और यदि स्वीकृति नहीं मिलती तो नई मशीनों की खरीद शीघ्र की जाएगी।
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