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आपने फिल्मों में अक्सर देखा होगा कि सम्मोहन (Hypnotism) का इस्तेमाल किसी के मन को नियंत्रित करने या उससे रहस्य उगलवाने के लिए किया जाता है। लेकिन, हिप्नोटिज्म की वास्तविक प्रक्रिया और उसका वैज्ञानिक आधार, फिल्मी कहानियों से कहीं अधिक जटिल और दिलचस्प है।
हिप्नोटिज्म, जिसे अक्सर ‘जादू’ या ‘मानसिक नियंत्रण’ माना जाता है, वास्तव में मनोचिकित्सा (Psychotherapy) और गहन विश्राम की एक वैज्ञानिक विधि है।क्या है हिप्नोटिज्म?हिप्नोटिज्म, या सम्मोहन, चेतना की एक ऐसी परिवर्तित अवस्था है जिसमें व्यक्ति गहन विश्राम (Deep Relaxation) और अत्यधिक केंद्रित ध्यान (Focused Attention) की स्थिति में होता है।
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यह नींद नहीं है, बल्कि एक ऐसी मानसिक अवस्था है जिसमें व्यक्ति सुझावों के प्रति बहुत अधिक ग्रहणशील (Suggestible) हो जाता है। आपकी दी गई जानकारी के अनुसार, हिप्नोटिज्म की कोई “एक सही विधि” नहीं है। इसकी प्रक्रिया में मुख्य रूप से ये चरण शामिल होते हैं।
सबसे पहले, व्यक्ति के लिए शांत और स्थिर वातावरण बनाया जाता है, ताकि वह पूरी तरह से सहज महसूस करे। इसके बाद, व्यक्ति को धीरे-धीरे गहरी शिथिलता और आराम की ओर ले जाया जाता है। इस दौरान सम्मोहक (Hypnotist) एक आत्मविश्वास से भरे और शांत लहजे में व्यक्ति को निर्देश देता है।
इस अवस्था में, व्यक्ति पूरी तरह से सुनने, कल्पना करने, और निर्देशों का पालन करने में सक्षम होता है। यह अवस्था व्यक्ति को उसकी चेतन सोच (Conscious Mind) को दरकिनार कर अचेतन मन (Subconscious Mind) तक पहुंचने में मदद करती है।
हिप्नोटिज्म कैसे करें (सामान्य प्रक्रिया)
हिप्नोटिज्म की प्रक्रिया एक सम्मोहक और एक विषय (Subject) के बीच होती है। यह एक चरणबद्ध प्रक्रिया है जो विषय को एक गहरे विश्राम की अवस्था में ले जाने के लिए डिज़ाइन की गई है।
सबसे पहले प्रेरण (Induction) का चरण होता है, जहाँ सम्मोहक विषय को आराम करने और केवल उसकी आवाज़ पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मार्गदर्शन करता है।
यह अक्सर शांत, दोहराए जाने वाले सुझावों के माध्यम से होता है जो ध्यान को अंदर की ओर मोड़ते हैं।एक बार जब विषय शिथिलता की प्रारंभिक अवस्था में होता है, तो अगला चरण गहराईकरण (Deepening) का होता है, जहाँ सम्मोहक उसे और अधिक गहराई तक जाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
इसमें कल्पनाशील अभ्यास शामिल हो सकते हैं। इसके बाद सुझाव (Suggestion) का चरण आता है। यह वह चरण है जहाँ हिप्नोथेरेपी का वास्तविक कार्य होता है। सम्मोहक विषय की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सकारात्मक सुझाव देता है, जैसे धूम्रपान छोड़ने या दर्द कम करने के लिए।
अंत में, बहिर्गमन (Emergence) के चरण में, सम्मोहक विषय को धीरे-धीरे विश्राम की अवस्था से बाहर लाता है और उसे पूरी तरह से सतर्क और ताज़ा महसूस कराता है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि हिप्नोटिज्म एक गंभीर तकनीक है और इसे सीखने या इसका अभ्यास करने के लिए केवल योग्य और प्रमाणित पेशेवर की देखरेख और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
स्वयं या बिना उचित ज्ञान के इसका प्रयोग करना हानिकारक हो सकता है।हिप्नोटिज्म एक थेरेपी कैसे?हिप्नोटिज्म का उपयोग अक्सर हिप्नोथेरेपी के रूप में किया जाता है। इसका मुख्य लक्ष्य व्यक्ति के अचेतन मन में उन विचारों और व्यवहारों को बदलना होता है, जो उसकी समस्याओं का कारण बन रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, हिप्नोथेरेपी कई प्रकार की समस्याओं में सहायक हो सकती है। इसमें दर्द प्रबंधन (पुरानी बीमारियों या सर्जरी से पहले के दर्द को कम करना), फोबिया और चिंता (विशिष्ट डर और सामान्य चिंता को दूर करना), बुरी आदतें छोड़ना (धूम्रपान या अत्यधिक भोजन करने जैसी आदतों को बदलने में मदद करना), और तनाव और नींद की समस्याएँ (अनिद्रा और तनाव से जुड़ी समस्याओं में आराम दिलाना) शामिल हैं।
हिप्नोटिज्म को लेकर आम भ्रांतियाँआमतौर पर हिप्नोटिज्म को लेकर कई भ्रांतियाँ प्रचलित हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है। पहली और सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि यह नियंत्रण का जादू नहीं है।
सम्मोहन के दौरान व्यक्ति पूरी तरह से नियंत्रण में रहता है और वह कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो उसकी नैतिकता या इच्छा के विरुद्ध हो। दूसरी भ्रांति यह है कि यह नींद की अवस्था नहीं है; व्यक्ति सम्मोहन के दौरान जागृत और आस-पास की आवाजों के प्रति जागरूक रहता है।
तीसरी भ्रांति यह है कि याददाश्त मिटाना असंभव है। यह फिल्मों में दिखाया जाता है, लेकिन हिप्नोटिज्म का उपयोग करके किसी की याददाश्त को पूरी तरह मिटाना संभव नहीं है।
निष्कर्ष
हिप्नोटिज्म एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है, लेकिन यह कोई जादू नहीं है। यह गहन विश्राम की एक अवस्था है जिसका उपयोग प्रशिक्षित पेशेवर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। इसका सफल होना काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कितना खुला है और निर्देशों का पालन करने के लिए कितना तैयार है।
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