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जोगेन्दर हब्बी के प्रयासों से अब हिमाचली कल्चर को दुनिया में मिल रही है जगह

सिरमौर जनपद के गिरिपार हाटी जनजातीय क्षेत्र के लोक कलाकारों ने मध्य प्रदेश जनजातीय संग्राहालय भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय प्रतिरूप नृत्योत्सव में सिंहटू नृत्य और डग्याली नाच का प्रदर्शन किया। इस नृत्य उत्सव का आयोजन जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादेमी और मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद् द्वारा किया गया था।

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डॉ. जोगेन्द्र हाब्बी के निर्देशन में अद्भुत प्रदर्शन

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त एवं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर डॉ. जोगेन्द्र हाब्बी के निर्देशन में चूडेश्वर सांस्कृतिक मण्डल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। डॉ. हाब्बी ने बताया कि सिरमौर जनपद के गिरिपार क्षेत्र के लोक कलाकारों ने अपने सिंहटू नृत्य और डग्याली नाच के माध्यम से भोपाल के जनमानस में गिरिपार के हाटी क्षेत्र की सांस्कृतिक विधाओं के प्रति आकर्षण और रोचकता को बढ़ाया है।

मुखौटा नृत्यों की विविधता

इस नृत्योत्सव में देश के विभिन्न राज्यों के मुखौटा नृत्यों की प्रस्तुति की गई। इसमें गुजरात का भवाड़ा, उड़ीसा का साहीजाता, केरल का थैययम, महाराट्र का सौंगी मुखौटा, उतरांचल का रम्माण, पश्चिम बंगाल का पुरलिया छउ, मणिपुर का पक्षी नृत्य, सिक्किम का बजयोगिनी और लाखे नृत्य आदि शामिल थे। सिरमौर जिला के सिंहटू नृत्य और डग्याली नाच इस नृत्योत्सव का मुख्य आकर्षण रहे।

कलाकारों की प्रतिभा

चूडेश्वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मण्डल के कलाकारों में सुप्रसिद्ध लोक गायक रामलाल वर्मा, गोपाल हाब्बी तथा बिमला चौहान, शहनाई व बांसुरी वादक बलदेव, ढोलक वादक संदीप, करनाल व रणसींगा वादक मुकेश, लोक नर्तकों में चमन, मनमोहन, अमीचन्द, इन्द्रदेव, सुनील, सरोज, अनुजा, आरती, पायल आदि कलाकार शामिल थे।

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