Sukh Shiksha Yojana : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहल पर शुरू हुई यह योजना ऊना में अब तक 2189 जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का सहारा बन चुकी है। विधवा, परित्यक्ता या दिव्यांग माता-पिता वाले बच्चों को यह योजना नया जीवन दे रही है।
ऊना/वीरेंद्र बन्याल
जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई में उम्मीद की नई रोशनी
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2189 बच्चों को मिला अब तक लाभ
ऊना जिले में इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत अब तक 2189 बच्चों को कवर किया गया है और 1 करोड़ 92 लाख 69 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इससे उन बच्चों को पढ़ाई का उजियारा मिला है जिनके माता-पिता विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता या गंभीर दिव्यांगता से जूझ रहे हैं।
हर माह 1000 से 3000 रुपये की सहायता
इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष तक के बच्चों को हर माह 1000 रुपये और 18 से 27 वर्ष तक के विद्यार्थियों को, यदि हॉस्टल सुविधा न हो, तो 3000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। इससे बच्चों की शिक्षा, पोषण और मूलभूत ज़रूरतें पूरी होती हैं।
प्रभावी क्रियान्वयन और प्रशासन की भूमिका
जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र कुमार के अनुसार यह योजना उन परिवारों के लिए बड़ा संबल बनी है जो बच्चों की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते थे। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि इस योजना को मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप जमीनी स्तर तक पहुंचाया गया है और हर पात्र बच्चे को लाभ देना सुनिश्चित किया गया है।
लाभार्थियों की ज़ुबानी बदले हालात की कहानी
ऊना की पूजा पुरी, कोटला कलां की सरोज बाला और रेणु देवी जैसी कई महिलाओं ने इस योजना को संजीवनी बताया है। ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ रहे तन्मय ने बताया कि पिता की मृत्यु के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ सकती थी, लेकिन यह योजना उसके लिए वरदान बनी है।
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