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सूरज पंडित बने लेफ्टिनेंट, सराहां के पहले व्यक्ति जिन्होंने हासिल किया भारतीय सेना में ऑफिसर रैंक

PARUL | 8 सितंबर 2024 at 8:51 pm

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HNN/सराहां

शनिवार को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में शानदार समारोह में 258 पुरुष और 39 महिला कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल हुए। इस परेड की समीक्षा सेना के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमण्यम ने की। इसका हिस्सा लेफ्टिनेंट सूरज पंडित भी बने। सूरज पंडित पुत्र अरुण कुमार , माता अंजना शर्मा गांव सराहां निवासी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर भर्ती हुए हैं।वह ओ टी ए चेन्नई मद्रास में भर्ती हुए और सात सितंबर 2024 को उन्होंने अपनी लेफ्टिनेंट की ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना में मराठा रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए हैं ।

लेफ्टिनेंट सूरज पंडित पच्छाद के सराहां के एक साधारण परिवार से हैं , सूरज के पिता अरुण कुमार पेशे से अंग्रेजी के शिक्षक हैं और माता ग्रहणी हैं , सूरज की एक छोटी बहन भूमि पंडित हैं जो आई ए एस की तैयारी कर रही हैं । लेफ्टिनेंट बनकर आए सूरज पंडित सराहां के पहले वयक्ति हैं जिन्होंने , भारतीय फौज में ऑफिसर रैंक हासिल किया और ट्रेनिंग भी पूरी की पद हासिल किया है ।

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सूरज ने अपनी स्कूल की पड़ाई सराहां डी ए वी स्कूल से की और कॉलेज की पड़ाई डी ए वी कॉलेज से पूरी की है । प्रेस से बातचीत में सूरज ने बताया कि उनके परिवार से भर्ती सेना में कोई नहीं रहा और उनको ये पेरना मात्र एक हिंदी फ़िल्म ‘लक्ष्य’ से मिली और तभी से उन्होंने ठान लिया की वह भी भारतीय सेना में एक अफ़सर बनेंगे और उसके बाद से ही उन्होंने पहले स्कूल में पहले ,एन सी सी ली और फिर कॉलेज मैं भी उन्होंने एन सी सी को प्राथमिकता से लिया , उन्होंने बताया की उन्होंने ऐसा इसलिए भी सोचा की हमेशा लोग फौज मात्र सिपाही की भर्ती देते हैं और भर्ती हो जाते हैं , लेकिन फौज में अफसर भी बना जा सकता है इसलिए उन्होंने मात्र अपने लिए एक ही रास्ता क़ायम रखा था ।

उन्होंने बताया कि उन्होंने आठ बार लेफ्टिनेंट के लिए आवेदन किए उन्होंने एन डी ए के लिए भी प्रयास किया और अंत में उन्हें ओ टी ए चेन्नई ने चुना और आज वह इसका पूरा श्रेय अपने माता पिता को देते हैं । सूरज के पिता अरुण कुमार का कहना है कि सूरज ने अपनी मेहनत व काबलियत के बल पर लेफ्टिनेंट पद हासिल कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि दृढ इच्छाशक्ति और मेहनत के बल पर हर मुकाम को हासिल किया जा सकता है। युवाओं को सूरज से प्रेरणा लेकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में प्रयास करने चाहिए।

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