कांग्रेस पदाधिकारी बोले- शिक्षकों बिना अंधकार हो गया बच्चों का भविष्य, 15 दिन का दिया अल्टीमेटम
HNN/ नाहन
पिछले लंबे अरसे से जिला सिरमौर के बाड़थल मधाना स्कूल में खाली पड़े शिक्षकों के पदों के चलते नौबत अब ये आ पहुंची है कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों को अपने पदों से इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ रहा है। अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता देख ये पदाधिकारी अपनी ही सरकार के आगे बेबस हो चुके हैं। कई बार ये लोग खाली पदों को भरने की गुहार शिक्षा विभाग के साथ साथ सरकार तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन एक भी पद यहां नहीं भरा गया है।
लिहाजा, अब इन कांग्रेस पदाधिकारियों के पास पद छोड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। कांग्रेस के बाड़थल बूथ के अध्यक्ष मोहन पाल और उपाध्यक्ष कमलेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाड़थल मधाना में शिक्षकों के आधे से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। इस स्कूल में प्रधानाचार्य तक आज नहीं भरा गया। हर तरह से वह शिक्षकों के पद भरने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने साफ कहा कि यदि 15 दिन के भीतर सरकार ने पद नहीं भरे तो वह अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे। उनके लिए अपने बच्चों के भविष्य से बड़ा कोई पद नहीं है। मोहन पाल ने कहा कि वह प्राथमिक स्कूल में एसएमसी प्रधान भी हैं। एसएमसी अध्यक्ष होने के नाते कई बार खाली पदों की सूचना सरकार और विभाग को दी गई। स्थिति अबतक जस की तस है। कांग्रेस के बूथ उपाध्यक्ष एवं पूर्व एसएमसी अध्यक्ष कमलेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस मसले पर वह स्थानीय नेताओं से भी मिल चुके हैं।
सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिलते रहे। आखिर कब तक वह बच्चों के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को देखेंगे। नेता लोग अब फोन नहीं उठाते। कई अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने बच्चों को शहर भेजकर शिक्षा दें। सरकार ने घर के पास स्कूल खोले हैं तो इनमें स्टाफ क्यों नहीं भरा जा रहा है। उधर, एसएमसी प्रधान कुलदीप ठाकुर ने बताया कि कई बार नाहन और शिमला के चक्कर लगा चुके हैं।
अबतक कोई ठोस कार्रवाई शिक्षा विभाग और सरकार ने नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में हिंदी का एक प्रवक्ता जमा एक और दो कक्षाओं का पढ़ा रहा है, जबकि, प्रधानाचार्य समेत अंग्रेजी, राजनीतिक शास्त्र, कंप्यूटर साइंस के प्रवक्ताओं समेत उच्च विद्यालय में टीजीटी मेडिकल, टीजीटी नॉन मेडिकल, पीटीई और क्लर्क के पद लंबे अरसे से खाली पड़े हैं।
अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल में बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही होगी। उन्होंने कहा कि अब अभिभावकों का धैर्य भी जवाब देने लगा है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इस स्कूल में खाली पड़े पदों को भरा जाए। अन्यथा लोग आंदोलन करने के लिए भी मजबूर हो जाएंगे।