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सुधारगृह के बंदी सीखें आत्मनिर्भरता, समाज में लौटें नई शुरुआत के साथ / राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि कारागारों में ‘हर हाथ को काम’ पहल के तहत बंदियों को विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनके द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री हिमकारा स्टोर के माध्यम से की जा रही है, जिसका 40 प्रतिशत लाभ मेहनताना के रूप में बंदियों को दिया जाता है। राज्यपाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूत करता है।

शिमला

राज्यपाल आज आदर्श केंद्रीय सुधारगृह कंडा में आयोजित एक कार्यक्रम में बंदियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुधारगृह में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई, बेकरी, बागवानी और हस्तकला जैसे विभिन्न कार्यों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जब बंदी जेल से बाहर आएं, तो वे स्वावलंबी बनकर समाज में पुनः अपनी पहचान स्थापित कर सकें।

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नशा सबसे बड़ा अपराध : राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि समाज में सबसे बड़ा अपराध नशे की लत फैलाना है। जो लोग नशे में लिप्त हैं, वे स्वयं को और दूसरों को विनाश की राह पर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि नशे को स्वीकार करना या किसी और को इसके लिए प्रेरित करना भी अपराध है।

संस्कृति और सुधार का संगम
राज्यपाल ने सुधारगृह में आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा की और कहा कि यह देखकर संतोष होता है कि स्टाफ और बंदी मिलकर समाज के सुधार का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्टाफ के एक सदस्य ने अखिल भारतीय स्तर पर गायन प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त किया है।

गलती सुधारने की प्रक्रिया भी जीवन का हिस्सा
राज्यपाल ने कहा कि जीवन में हर कोई गलती कर सकता है, लेकिन उन गलतियों से सीखना ही असली सुधार है। उन्होंने कहा कि एक गलती को बार-बार दोहराना अपराध की प्रवृत्ति बन जाती है, जबकि उसका सुधार व्यक्ति को नई दिशा देता है।

सेवा में जुटे संगठनों को सम्मान
राज्यपाल ने आर्ट ऑफ लिविंग, इस्कॉन, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, रोटरी क्लब, इनर व्हील क्लब, वर्धान टेक्सटाइल्स और कई अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया, जो सुधारगृह और बंदियों के पुनर्वास के लिए कार्य कर रहे हैं।

प्रदर्शनी और नवाचारों का अवलोकन
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने बंदियों द्वारा तैयार उत्पादों की प्रदर्शनी देखी, सुधारगृह के मंदिर में पूजा-अर्चना की और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया और कहा कि यह सुधार की दिशा में एक पवित्र प्रयास है।

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