पीएम मोदी ने की 19 वर्षीय देवव्रत रेखे की ऐतिहासिक साधना की सराहना, 50 दिन के दण्डकर्म पारायणम् पर जताया गर्व
19 वर्षीय देवव्रत रेखे ने शुक्ल यजुर्वेद माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले दण्डकर्म पारायणम् को 50 दिनों तक लगातार पूरा कर आध्यात्मिक परंपरा में प्रेरणादायक उपलब्धि हासिल की। उनकी यह साधना गुरु-शिष्य परंपरा और भारतीय वैदिक संस्कृति की श्रेष्ठता का अद्वितीय उदाहरण मानी जा रही है।
काशी
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
50 दिन तक निरंतर वेदिक साधना कर दिखाई असाधारण क्षमता
काशी की पावन भूमि पर देवव्रत रेखे ने 50 दिन तक प्रतिदिन निरंतर वेदिक मंत्रोच्चार कर दण्डकर्म पारायणम् पूर्ण किया। इस पारायणम् में शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के लगभग 2000 मंत्र शामिल हैं, जिन्हें उन्होंने पूर्ण शुद्धता के साथ उच्चारित किया। यह साधना अत्यधिक अनुशासन, मानसिक दृढ़ता और आध्यात्मिक अभ्यास की गहनता का प्रतीक है।
भारतीय वैदिक परंपरा की प्रतिष्ठा को नई ऊँचाई
धार्मिक और वैदिक संस्थानों का मानना है कि इतनी कम उम्र में इतनी कठिन वेदिक साधना करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। देवव्रत रेखे की यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है बल्कि भारतीय संस्कृति, वेदज्ञान और गुरु परंपरा की प्रतिष्ठा को भी नई ऊँचाई देती है। इस अनुष्ठान की पूर्णता वैदिक विद्या के प्रति उनकी गहरी निष्ठा का प्रमाण है।
परिवार, संत-समाज और संस्थाओं ने दी शुभकामनाएँ
उनकी इस साधना को देशभर से आशीर्वाद और प्रशंसा मिल रही है। संतों, विद्वानों, आध्यात्मिक गुरुओं और समाजसेवियों ने इस उपलब्धि को भारतीय संस्कृति की नई पीढ़ी में जागृति का प्रतीक बताया है। साधना अवधि में उनके परिवार, गुरुजनों और संस्थाओं ने निरंतर सहयोग प्रदान किया, जिनका उन्होंने विशेष आभार व्यक्त किया।
19 वर्षीय देवव्रत महेश रेखे द्वारा 50 दिनों तक निरंतर वेदिक ‘दण्डकर्म पारायणम्’ पूर्ण करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी उपलब्धि को प्रेरणादायक बताया। पीएम ने इसे भारतीय गुरु परंपरा, वैदिक संस्कृति और अनुशासित साधना का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
पीएम मोदी बोले—देवव्रत की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में 19 वर्षीय देवव्रत रेखे की असाधारण उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देवव्रत द्वारा शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले ‘दण्डकर्म पारायणम्’ को लगातार 50 दिनों तक पूर्ण करना भारतीय संस्कृति में गहरी आस्था का प्रतीक है। पीएम ने लिखा कि उनकी यह साधना आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाली है।
वेदिक मंत्रों के शुद्ध उच्चारण के लिए पीएम ने दी विशेष बधाई
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वेदिक अनुष्ठान में अनेक ऋचाएँ और पवित्र शब्द शामिल होते हैं, जिन्हें देवव्रत ने पूर्ण शुद्धता और अनुशासन के साथ पूरा किया। उन्होंने इसे गुरु परंपरा की श्रेष्ठता और भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विरासत का अद्भुत रूप बताया।
काशी में संपन्न साधना पर प्रधानमंत्री ने जताया गर्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी के सांसद होने के नाते उन्हें गर्व है कि इतनी बड़ी आध्यात्मिक सिद्धि इसी पवित्र नगरी में पूरी हुई। उन्होंने देवव्रत के परिवार, संतों, मुनियों, विद्वानों और उन संस्थाओं का भी आभार जताया, जिन्होंने इस कठिन साधना में उनका मार्गदर्शन और सहयोग किया।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





