लेटेस्ट हिमाचल प्रदेश न्यूज़ हेडलाइंस

सिरमौर में कांग्रेस अब अपनी-अपनी डफली अपना-अपना राग

SAPNA THAKUR | 23 जून 2022 at 2:54 pm

Share On WhatsApp Share On Facebook Share On Twitter

HNN/ नाहन

चुनावी वर्ष में ही विवादित हुई सिरमौर कांग्रेस की गुटबाजी का पटाक्षेप होता नजर नहीं आ रहा है। बल्कि शिमला में प्रदेश अध्यक्ष व हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला द्वारा पढ़ाए गए नसीहत के पाठ के बाद भी सिरमौर कांग्रेस जमा 2 का पहाड़ा भूल गई है। सिरमौर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे रूपेंद्र ठाकुर पर हुए जानलेवा हमले के बाद भले ही जिला सिरमौर कार्यकारिणी भंग कर दी गई हो मगर डैमेज कंट्रोल होता कहीं भी नजर नहीं आ रहा है।

कहाँ तो प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी द्वारा पढ़ाए गए पाठ के बाद डैमेज कंट्रोल होना चाहिए था मगर यहां तो शिमला से रास्ते में आते-आते पूरी कांग्रेसी ही डैमेज हो गई। अब हालात यह है कि दोनों गुट अपनी अपनी डफली अपना अपना राग अलाप रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण आज पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के जन्म दिवस को विकास दिवस मनाए जाने के उपलक्ष पर नजर आया। एक गुट ने कांग्रेस भवन में विकास दिवस मनाया तो दूसरे ने आस्था स्कूल में। कहां तो डैमेज कंट्रोल होना चाहिए था मगर यहां तो और विड्रॉल बढ़ गया है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group

जिला में हर्षवर्धन गुट कांग्रेस का सबसे मजबूत धड़ा है जबकि दूसरा गुट अपने वर्चस्व की जंग में जुटा हुआ है। कथित झगड़े के बाद नाहन सीट के लिए तीसरा विकल्प भी हाईकमान के द्वारा बड़े ही गुपचुप तरीके से तलाशा जा रहा है। ऐसे में कहीं ना कहीं भाजपा की दावेदारी नाहन सीट के लिए अपने आप पुख्ता होती भी नजर आती है। राजनीतिज्ञों की माने तो अटकलें बनिया वर्सेस बनिया की भी लगाई जा रही हैं।

हालांकि जी आर मुसाफिर एक सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं मगर उन्होंने अभी संगठन को लेकर किसी भी तरह के पत्ते नहीं खोले हैं। यही नहीं दो धडों में बटी कांग्रेस जिला सिरमौर में भाजपा के लिए 5 में से 4 का आंकड़ा बनाती हुई नजर आ रही है। रेणुका जी सीट को कांग्रेस के लिए बड़ी मजबूत माना जाता था मगर रूपेंद्र ठाकुर प्रकरण के बाद क्षेत्र का एक बड़ा सवर्ण वर्ग पारिवारिक रिश्तो के चलते विनय कुमार से अलग आ चुका है।

ऐसे में केवल शिलाई की सीट ही कांग्रेस के लिए जिला में सेफ नजर आती है। पांवटा साहिब में कांग्रेस की स्थिति तूफान के बाद उखड़े हुए पेड़ जैसी हो चुकी है। ऐसे में जंग साहब को एक बार फिर से 5 साल और इंतजार करना पड़ सकता है। कुल मिलाकर जिला सिरमौर में कांग्रेस के बीच जो गहरी खाई बनी है उसका पटाक्षेप हो पाना अब मुश्किल हो गया है।

हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें

ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!

Join WhatsApp Group

आपकी राय, हमारी शक्ति!
इस खबर पर आपकी प्रतिक्रिया साझा करें