Himachalnow / नाहन
भाजपा के संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर मंडलों के बाद अब जिला अध्यक्ष के पद को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि प्रदेशाध्यक्ष का ताल्लुक इसी जिले से होने के चलते पूरे प्रदेश के संगठनात्मक समीकरण पर इसका असर पड़ सकता है। जिला सिरमौर में अब तक भाजपा ने ब्राह्मण वर्ग से किसी को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया है। जबकि जिले में राजपूत बिरादरी के बाद ब्राह्मणों की संख्या दूसरे स्थान पर आती है। तीसरे स्थान पर अनुसूचित जाति और अन्य जातियां शामिल हैं।
जिले में 28 फीसदी ब्राह्मण, 32 फीसदी राजपूत और 18 फीसदी अन्य जातियों का प्रतिनिधित्व है। यदि जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर बाकी सभी क्षेत्रों से भाजपा ने जिला अध्यक्ष दिए हैं। केवल 90 के दशक में हीरा सिंह श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र से जिला अध्यक्ष बने थे। यही कारण है कि संगठनात्मक दृष्टि से यह क्षेत्र भाजपा की पकड़ से दूर रहा है।
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नाहन से विनय गुप्ता, शिलाई से बलदेव तोमर और दलीप सिंह तोमर, पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी, पच्छाद से बलदेव सिंह भंडारी और चंद्रमोहन ठाकुर अब तक जिला अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में इस बार हाईकमान का फोकस श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र पर अधिक नजर आ रहा है। यहां राजपूत वर्ग से बलवीर ठाकुर का नाम चर्चा में है, वहीं सिरमौर मार्केटिंग कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और जिला सिरमौर भाजपा के उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का नाम भी मजबूत दावेदारों में गिना जा रहा है।
उधर, इनका नाम भी है चर्चा में
इसके साथ-साथ नाहन से पूर्व मंडल अध्यक्ष रौनकी राम, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तपेंद्र शर्मा, राजगढ़ के जिला परिषद सदस्य सतीश शर्मा, पच्छाद से सुरेंद्र नेहरू, पांवटा से मदन शर्मा, श्री रेणुकाजी से पूर्व बीडीसी चेयरमैन मेलाराम शर्मा के नाम भी चर्चा में हैं।
रामेश्वर शर्मा पुनर्सीमांकन से पहले पांवटा साहिब भाजपा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं और संगठन को चलाने का अच्छा अनुभव रखते हैं। हालांकि, नाहन और पच्छाद से भी कुछ नाम चर्चा में हैं, लेकिन इस बार भाजपा का रुख श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र की ओर स्पष्ट नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार, ट्राई सिटी चंडीगढ़ में हो रही भाजपा की बड़ी बैठक में प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ जिला अध्यक्षों के नाम पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। हाईकमान, जो स्वयं ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, लगातार संगठनात्मक चुनावों पर फीडबैक ले रहे हैं।
बहरहाल, जिला सिरमौर में भाजपा को मजबूत किलाबंदी करने के लिए न केवल श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना होगा, बल्कि जातीय समीकरण के आधार पर ब्राह्मण वर्ग को भी विश्वास में लेना होगा।
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