HNN/ नाहन
श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नहरस्वार गवर्नमेंट हाई स्कूल का दैनिक वेतन भोगी कर्मी अब अड़ियल रवैया पर उतर आया है। 3 सालों से अधिक समय से नियुक्ति स्टेशन छोड़कर नाहन के +2 विद्यालय में डेपुटेशन पर डटा हुआ है। मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद हायर एजुकेशन उप निदेशक द्वारा दैनिक वेतन भोगी अजमेर सिंह के वापसी के आदेश भी कर दिए थे। 10 दिन बीत जाने के बाद भी अजमेर सिंह नहरस्वार जाने को तैयार नहीं है।
गौरतलब है कि यह मामला हिमाचल दस्तक के द्वारा प्रमुखता से उठाया गया था। जिसके बाद उपनिदेशक हायर एजुकेशन के द्वारा मामले को लेकर कड़ा संज्ञान लिया गया था। उधर, एसएमसी अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने सरकार व सरकारी तंत्र पर सवालिया निशान लगाते हुए अपना बयान जारी किया है। सुरेश शर्मा का कहना है कि दैनिक वेतन भोगी अजमेर सिंह के कारण नहरस्वार विद्यालय का शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है।
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उन्होंने अजमेर सिंह की नियुक्ति पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने अजमेर सिंह की नियुक्ति को लेकर उच्च स्तरीय जांच की भी मांग सरकार के समक्ष रखी है। उन्होंने शिक्षा विभाग से मांग करते हुए कहा कि सरकार यह भी पता लगाएं कि कथित कर्मचारी की नियुक्ति किस आधार पर की गई है। उन्हें कहा कि यह कर्मचारी नाहन तहसील का है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि कथित दैनिक भोगी की नियुक्ति नियम 12 के तहत हुई है या किसी और तरीके से।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि दैनिक वेतन भोगी को ना तो नियमानुसार डेपुटेशन पर भेजा जा सकता है और ना ही उसकी ट्रांसफर हो सकती है। ऐसे में अजमेर सिंह की नियुक्ति को लेकर अब एक बड़े जांच की भी मांग उठने लग पड़ी है। उधर, उप निदेशक उच्च शिक्षा जिला सिरमौर करमचंद का कहना है कि उनके द्वारा 10 दिन पहले स्टेशन वापसी के आदेश कर दिए गए थे।
वही प्रिंसिपल पालियों वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लता शर्मा ने कहा कि उन्हें अभी तक विभाग की तरफ से अजमेर सिंह को रिलीव करने के कोई आदेश नहीं मिले हैं। बरहाल, हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग में जिस प्रकार एक अदना सा कर्मचारी सरकारी आदेशों को तार-तार कर रहा है उसको लेकर अब बड़े सवाल खड़े होना भी लाजमी है।
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