HNN / शिलाई
सिरमौर जिला के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने मंगलवार को शिलाई क्षेत्र के रहने वाले एक दंपत्ति को एससी-एसटी अधिनियम में दोषी करार देते हुए 6 महीने के कठोर कारावास और विभिन्न धाराओं में 12750 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत में मामले की परैवी जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने देते हुए बताया कि यह मामला 2 अक्टूबर 2015 का है।
जिला न्यायवादी ने बताया कि दरअसल शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि सत्या देवी पत्नी रतन सिंह, रतन सिंह पुत्र मानाराम निवासी ग्राम टिक्कर ग्राम पंचायत नाया तहसील शिलाई, जिला सिरमौर ने उसके मकान के समीप बनी दीवार व उसके साथ लगे 3 पिल्लर को जेसीबी मशीन से गिरा दिया था। जब शिकायतकर्ता व उसका भाई कल्याण सिंह दंपत्ति को ऐसा करने से रोकने पहुंचे, तो उन्होंने जाति सूचक शब्द कहे।
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साथ ही जान से मारने की धमकी देकर मौके से चले जाने को कहा। इसी बीच कहासुनी भी हुई। रिटेनिंग वॉल और 3 खंबे दंपति ने जेसीबी मशीन से गिरवा दिए। इस मामले की शिकायत के बाद पुलिस ने दंपत्ति को गिरफ्तार किया। मामले की तफ्तीश के बाद चालान बनाकर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने 15 गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर मंगलवार को दोषी पाए गए दंपत्ति को विभिन्न धाराओं में 6-6 माह का कठोर कारावास जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 2-2 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने बताया कि दोषियों को पहली धारा के तहत एक-एक माह का साधारण कारावास और 250-250 रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 21-21 दिन की अधिक सजा होगी। जबकि एक अन्य धारा में दंपत्तियों को तीन-तीन माह का साधारण कारावास व 7500-7500 रुपये जुर्माना भुगतना होगा। अन्य धारा में पति पत्नी दोनों को 6-6 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 2500-2500 रुपये जुर्माना भी देना होगा।
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