शिमला
घनाहटी के छात्रों के साथ मिलकर जंगल में साफ-सफाई कर जताया पर्यावरण के प्रति संकल्प
प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना अनिवार्य संघर्ष
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर SFI शिमला शहरी कमेटी ने शहीद भगत सिंह मेमोरियल स्कूल, घनाहटी के छात्रों के साथ मिलकर जंगल में बढ़ते प्लास्टिक कचरे को हटाने के लिए सफाई अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य ‘End to Plastic Pollution’ विषय को जनजागरण में बदलना था। SFI ने इसे एक अनिवार्य संघर्ष बताते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा अब सिर्फ नीति या विज्ञान का विषय नहीं, बल्कि यह गांव-शहर, मैदान-पहाड़ और हर शिक्षण संस्था तक पहुंचने वाला आंदोलन बनना चाहिए।
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भारत में प्लास्टिक प्रदूषण की भयावह स्थिति
भारत में प्लास्टिक कचरे की स्थिति गंभीर है। वर्ष 2021 में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक खपत 15 किलोग्राम पहुंच चुकी थी, जो 1990 में केवल 1 किलोग्राम थी। देश में हर साल 21 मिलियन टन प्लास्टिक का उपयोग होता है और प्रतिदिन लगभग 26,000 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। यह मिट्टी, जल, वायु और सार्वजनिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में ढिलाई
हालांकि भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन इसका पालन व्यापक रूप से नहीं हो रहा है। इसके चलते देश में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गंभीर रूप ले रही है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर गहरा असर
भारत के कई शहर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। देश में औसतन PM2.5 का स्तर 50.6 µg/m³ है, जो WHO की सीमा से 10 गुना अधिक है। असम का बर्नीहाट 2024 में 128 µg/m³ के साथ सबसे प्रदूषित शहर रहा। वायु प्रदूषण के कारण हर साल 6.7 लाख मौतें होती हैं, जो तंबाकू से होने वाली मौतों से भी अधिक हैं।

SFI का वैकल्पिक विकास मॉडल का आह्वान
SFI ने कहा कि हमें ऐसे विकास मॉडल को अस्वीकार करना होगा जो जंगलों को काटकर, नदियों को बेचकर और पहाड़ों को खोदकर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर मुनाफा कमाने पर केंद्रित हैं। इसके कारण तापमान में वृद्धि, ग्लोबल वार्मिंग, वर्षा चक्र में बदलाव और ओजोन परत में क्षति जैसे गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण की सामूहिक शपथ
SFI ने इस दिन सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने घर, स्कूल, कॉलेज और आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा और स्वच्छ रखने का संकल्प लें। संगठन ने कहा कि आने वाले समय में वह व्यापक स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाएगा और लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाएगा।
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