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विमल नेगी सुसाइड केस: पोस्टमार्टम में चोट के निशान नहीं , SIT ने पावर कारपोरेशन दफ्तर से जुटाए सबूत

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Himachalnow / शिमला

परिजनों ने लगाए उत्पीड़न के आरोप, हाईकोर्ट से पूर्व निदेशक को नहीं मिली अंतरिम राहत


पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नहीं मिले चोट के निशान, फाइनल राय का इंतजार

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हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में शिमला पुलिस को उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट के अनुसार, उनके शरीर पर किसी भी प्रकार की बाहरी चोट नहीं पाई गई है। अब डॉक्टरों की फाइनल ओपिनियन रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे मौत के कारणों को लेकर स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।

छह सदस्यीय एसआईटी कर रही है मामले की गहन जांच

शिमला पुलिस ने इस संवेदनशील मामले की तह तक पहुंचने के लिए एसपी संजीव गांधी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। इस टीम में एएसपी नवदीप सिंह, डीएसपी शक्ति सिंह सहित छह अधिकारी और एक साइबर एक्सपर्ट शामिल हैं। शनिवार देर रात तक टीम ने हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के कई कर्मचारियों से पूछताछ की। साथ ही, चीफ इंजीनियर के कार्यालय से जरूरी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी जब्त किया गया है।

सीडीआर और इलेक्ट्रॉनिक डेटा से खुल सकते हैं कई राज

शिमला पुलिस, विमल नेगी की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) को भी खंगाल रही है। साथ ही उनके मोबाइल व ऑफिस से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक डेटा की भी जांच की जा रही है, ताकि आत्महत्या के पीछे की असली वजहों का पता लगाया जा सके। पुलिस जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर में नाम दर्ज है, उनसे भी जल्द पूछताछ करने की तैयारी में है।

परिजनों ने लगाए मानसिक उत्पीड़न और दबाव के गंभीर आरोप

विमल नेगी के परिजनों ने दावा किया है कि पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों द्वारा उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था। उन पर देर रात तक काम करने का दबाव बनाया जाता था, जिससे वे गहरे तनाव में थे। परिजनों का कहना है कि लगातार दबाव के चलते उन्होंने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया।

पूर्व निदेशक को नहीं मिली अग्रिम जमानत, अगली सुनवाई सोमवार को

विमल नेगी सुसाइड केस में आरोपी बनाए गए हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के पूर्व निदेशक देसराज को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने अभी तक उपलब्ध जांच रिपोर्टों के आधार पर उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने अगली सुनवाई सोमवार को तय की है और अभियोजन पक्ष को अनुपूरक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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