हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन
दलित शोषण मुक्ति मंच के प्रदेश सह संयोजक व जिला संयोजक आशीष कुमार ने हिमाचल प्रदेश के रोहड़ू प्रखंड में 12 वर्षीय दलित बच्चे के साथ हुई अमानवीय जातिगत घटना पर एक प्रेस बयान जारी किया है।
उन्होंने इस घटना को पूरे समाज को झकझोर देने वाला बताया है, जहाँ एक मासूम बच्चा जातिवादी व्यवस्था की भेंट चढ़ गया।आशीष कुमार ने बयान में कहा, “यह साफ़ हो चुका है कि मासूम बच्चा गलती से सवर्ण परिवार के बरामदे में चला गया था।
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सामाजिक नियमों के तहत दलितों का प्रवेश वर्जित होने के कारण, तीन महिलाओं ने उसे बेहद प्रताड़ित किया और गौशाला में अंधेरे में बंद कर दिया।” उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं ने मकान शुद्धिकरण के नाम पर माँ-बाप को बुलाकर बकरे की बलि तक माँगने की बात कही।
गौशाला में डर और सदमे से विचलित हुए बालक पर तरस आने की जगह, महिलाओं ने लगातार जातिगत फब्तियाँ कसीं, जिसके बाद बच्चे की मृत्यु हो गई।आशीष कुमार ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि मुख्य आरोपी महिला ने मामले का खुलासा होने से पहले ही हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली, जो इस परिवार और समाज की चालाकी दिखाता है।
उन्होंने सवाल उठाया, “पशु तो रसोई तक जा सकते हैं, लेकिन एक दलित इंसान बरामदे में नहीं जा सकता। यह मनुवादी सोच है जो प्रदेश को देवभूमि कहने के दावे को खोखला करती है।
“मंच की ओर से आशीष कुमार ने तत्काल और कठोर कार्रवाई की माँग करते हुए कहा कि, सभी आरोपियों को एट्रोसिटी एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तार किया जाए, पीड़ित परिवार को उचित मुआवज़ा और सुरक्षा मिले, और एट्रोसिटी एक्ट का गाँव-गाँव में व्यापक प्रचार किया जाए ताकि जातिवादी ताकतों में डर पैदा हो।
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने इन मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो दलित शोषण मुक्ति मंच 4 अक्तूबर को जिला मुख्यालय नाहन में विशाल विरोध प्रदर्शन करेगा।
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