रूस के हमले के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय दूतावास ने कोशिशें तेज कर दी हैं। ताजा बयान में कहा गया है कि भारत सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भारत-कतर द्विपक्षीय हवाई व्यवस्था के तहत यूक्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों को पारगमन से यात्रा करने की अनुमति दी है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारतीय दूतावास ने एक दिन के अंदर ही अपने नागरिकों के लिए तीसरी एडवायजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि वे सभी नागरिक जिन्हें अपने क्षेत्रों में बम गिरने से जुड़े साइरन सुनाई दे रहे हैं, वे सभी लोग बंकरों में शरण लें।
सभी नागरिकों को शांति आने तक बॉम्ब शेल्टर में छिपने के लिए कहा गया है। उधर, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यूक्रेन संकट और वहां फंसे भारतीयों के रेस्क्यू को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी एडवाइजरी जारी की थी। सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं।
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हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे जो बच्चे वहां हैं उन्हें निकाला जाए। वहां स्थिति विषम है। प्लेन भेजा गया था, लेकिन प्लेन वहां उतारा नहीं जा सका। राजनाथ ने आगे कहा, “भारत चाहता है कि शांति कायम होनी चाहिए। बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, यही भारत की सोच है।”
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडाइमिर जेलेंस्की ने इस बीच रूस के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने का एलान किया। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को कैसे रोका जाए, इसे लेकर यूरोपीय संघ के उच्चायुक्त ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की।
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