रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारतीय छात्रों का पहला जत्था चेर्नित्सि से यूक्रेन-रोमानिया सीमा के लिए रवाना हो गया है। जानकारी के अनुसार विदेश मंत्रालय के शिविर कार्यालय अब पश्चिमी यूक्रेन के ल्वीव और चेर्नित्सि शहरों में काम कर रहे हैं। अतिरिक्त रूसी भाषी अधिकारियों को इन शिविर कार्यालयों में भेजा जा रहा है।
बताते चलें कि यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने यहां फंसे भारतीय नागरिकों और स्टूडेंट्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें दूतावास ने यूक्रेन में मौजूद सभी भारतीयों को बताया था कि उन्हें भारत सरकार रोमानिया और हंगरी के रास्ते से बाहर निकालने के लिए काम कर रही है। बताया गया है कि यूक्रेन में अभी 20 हजार के करीब भारतीय फंसे हुए हैं। वही , अब भारत सरकार की तरफ से रेस्क्यू मिशन को तेज किया जा रहा है।
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कल पीएम मोदी ने भी पुतिन से फोन पर बातचीत के दौरान ये मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा उनकी सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। अब उस बातचीत के बाद आज रेस्क्यू का काम शुरू कर दिया गया है।
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