निजी परिसर में चलने वाले वाहनों पर नहीं लगेगाटैक्स
नई दिल्ली (एजेंसी)-
सुप्रीम कोर्ट ने मोटर व्हीकल टैक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी वाहन का उपयोग सार्वजनिक सड़कों या इंफ्रास्ट्रक्चर पर नहीं हो रहा है, तो उस पर मोटर व्हीकल टैक्स नहीं लगाया जा सकता।
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यह फैसला जस्टिस मनोज मिश्रा और उज्ज्वल भुयान की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मोटर व्हीकल टैक्स असल में एक तरह का मुआवजा है, जो उन लोगों से लिया जाता है जो सड़कों और हाईवे जैसे सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हैं।
कोर्ट ने आंध्र प्रदेश मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट की धारा 3 की व्याख्या करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस अधिनियम के अनुसार, टैक्स तभी लगेगा जब कोई वाहन राज्य में सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल हो या इस्तेमाल के लिए रखा जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने एक कंपनी की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसने तर्क दिया था कि उसके वाहन विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के परिसर के भीतर ही चलते थे और सार्वजनिक सड़कों पर उनका इस्तेमाल नहीं होता था। कंपनी का कहना था कि इस वजह से वे टैक्स देने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
राज्य सरकार का कहना था कि टैक्स से बचने के लिए सार्वजनिक सड़कों का इस्तेमाल न करना कोई आधार नहीं हो सकता। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि कोई वाहन वास्तव में सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल होता है या इस तरह से रखा जाता है कि उसका इरादा सार्वजनिक जगह पर इस्तेमाल करने का है, तो ही टैक्स देना होगा। इसका मतलब है कि निजी जगहों पर वाहन के इस्तेमाल पर टैक्स नहीं लगेगा।
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