बनखंडी में बनने वाला हिमाचल का पहला ऐसा प्राणी उद्यान होगा जिसे भारतीय हरित भवन परिषद से पर्यावरण प्रमाणन मिला है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस परियोजना को पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाने के निर्देश देते हुए निर्माण कार्य में तेजी लाने को कहा है।
शिमला
प्रकृति और पर्यटन को मिलेगा नया ठिकाना
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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के बनखंडी में प्रस्तावित दुर्गेश अरण्य वन्य प्राणी उद्यान की प्रगति समीक्षा के दौरान वन विभाग को निर्माण कार्य दिसंबर 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उद्यान पर्यटन को नया आयाम देगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
वन्य जीवन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
यह प्राणी उद्यान 233 हेक्टेयर क्षेत्र में फैलेगा, जहां शेर-बाघ सफारी के साथ-साथ विभिन्न वन्य प्राणियों, पक्षियों और सरीसृपों के लिए अलग-अलग बाड़े बनाए जाएंगे। साथ ही यहां तीन पार्किंग स्थल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट और पर्यटकों के लिए अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
ईको-टूरिज्म गतिविधियों को भी किया जाएगा शामिल
मुख्यमंत्री ने वन विभाग को निर्देश दिए कि परियोजना में तारामंडल, बोटिंग, रॉक क्लाइम्बिंग जैसी साहसिक और शैक्षणिक गतिविधियों को भी शामिल किया जाए ताकि यह उद्यान सभी आयु वर्ग के पर्यटकों के लिए आकर्षक बन सके। साथ ही उन्होंने स्थानीय प्रजातियों के पौधारोपण पर भी बल दिया ताकि पारिस्थितिकी संतुलन बना रहे।
हरित ऊर्जा और राष्ट्रीय मान्यता
यह देश का पहला प्राणी उद्यान होगा जिसे भारतीय हरित भवन परिषद (IGBC) से पर्यावरण अनुकूल पहल के लिए मान्यता प्राप्त है। यहां एक मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना भी स्थापित की जाएगी जो ऊर्जा जरूरतें पूरी करेगी।
मुख्यमंत्री राहत कोष को मिली सहयोग राशि
बैठक के दौरान ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और बायो कंजर्वेशन सोसायटी ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय और आपदा राहत कोष के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि भेंट की। इसके अतिरिक्त खजियार स्थित सोसायटी द्वारा भी 5.50 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।
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