परवाणू में जल शक्ति विभाग द्वारा संचालित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की खराब कार्यप्रणाली पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्त कार्रवाई करते हुए 40.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। लंबे समय से हो रही मॉनिटरिंग में प्लांट के सभी सैंपल प्रदूषण मानकों पर फेल पाए गए।
परवाणू
प्लांट की खामियों पर एक्शन में आया प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
परवाणू में स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी टीम पिछले कई महीनों से नजर बनाए हुए थी। एसडीओ अनिल राव की अगुवाई में की जा रही जांच में बार-बार प्लांट से लिए गए सैंपल प्रदूषण नियंत्रण के तय मानकों पर खरे नहीं उतरे।
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सैंपल बार-बार हुए फेल
प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार हर महीने प्लांट से लिए गए सभी सैंपल अस्वीकृत पाए गए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि प्लांट में अपशिष्ट जल को शुद्ध करने की प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है बल्कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी सीधा खिलवाड़ है।
रिपोर्ट के आधार पर लिया गया निर्णय
एसडीओ अनिल राव ने बताया कि प्लांट के प्रदर्शन को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी गई थी। उसी के आधार पर जल शक्ति विभाग पर 40.90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि प्लांट प्रदूषण नियंत्रण नियमों के अनुरूप नहीं चल रहा था, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।
विभाग ने झाड़ी पल्ला
जल शक्ति विभाग के एक्सईएन सुभाष चौहान ने बताया कि उन्हें अभी तक मामले की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक जांच कर उचित प्रतिक्रिया साझा की जाएगी।
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