जुलाई माह में किया 40 यूनिट रक्तदान
हिमाचल नाऊ न्यूज़ नाहन
‘ड्रॉप्स ऑफ होप’ ग्रुप अपने इस मकसद के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है कि खून की कमी से किसी भी मरीज की जान न जाए। यह ग्रुप न केवल मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बना है, बल्कि रक्तदान के क्षेत्र में एक बड़ी मिसाल भी कायम कर रहा है।
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ग्रुप के सदस्य, जिन्हें ‘रक्तवीर’ कहा जाता है, अस्पताल में खून की कमी से जूझ रहे मरीजों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गत जुलाई माह में इस ग्रुप ने कुल 40 यूनिट रक्तदान किया।
नाहन मेडिकल कॉलेज में सबसे ज़्यादा 13 यूनिट ए-पॉजिटिव (A+) ब्लड की आपूर्ति की गई। इसके अलावा, ग्रुप के सदस्यों ने बाहरी राज्यों के अस्पतालों में भी मरीजों की मदद की।
यह ग्रुप सिर्फ नाहन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मरीजों की सेवा में इसके सदस्य बाहरी राज्यों तक भी पहुँच रहे हैं। पीजीआई चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में ‘बाज ब्लड ग्रुप’ के अध्यक्ष सलमान खान ने 2 यूनिट और अखिल माहेश्वरी ने 4 यूनिट रक्त की व्यवस्था करके सिरमौर जिले के मरीजों की मदद की।

आईजीएमसी शिमला में कपिल नेगी ने एबी-नेगेटिव (AB-) और इमरान ने एबी-पॉजिटिव (AB+) ब्लड की जरूरत को पूरा किया। जगाधरी सिविल अस्पताल में अमन ने ओ-पॉजिटिव (O+) ब्लड देकर पांवटा साहिब के एक मरीज की जान बचाई।

देहरादून के कृष्णा हॉस्पिटल में नदीम खान ने ओ-नेगेटिव (O-) ब्लड की व्यवस्था करके एक जरूरतमंद की मदद की। वहीं, इमरान ने आईजीएमसी शिमला में सिरमौर के एक मरीज के लिए एबी-पॉजिटिव (AB+) ब्लड की जरूरत को पूरा कराया।
‘ड्रॉप्स ऑफ होप सोसायटी’ के संचालक ईशान राव ने बताया कि जुलाई माह में ग्रुप के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज नाहन में ए-पॉजिटिव (A+) की 13 यूनिट, ओ-पॉजिटिव (O+) की 5, बी-पॉजिटिव (B+) की 3, ए-नेगेटिव (A-) की 3, एबी-पॉजिटिव (AB+) की 2, बी-नेगेटिव (B-) की 2, एबी-नेगेटिव (AB-) की 1 यूनिट और ओ-नेगेटिव (O-) की 1 यूनिट देकर मरीजों की जान बचाने में मदद की है।
यह सब ‘ड्रॉप्स ऑफ होप’ के सभी सदस्यों के समर्पण और अथक प्रयासों का नतीजा है, जिनकी मेहनत से यह नेक काम लगातार जारी है।
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