Himachalnow / ऊना / वीरेंद्र बन्याल
ऊना के मंदिर और धार्मिक स्थलों का विस्तार, सरकार का बड़ा निवेश
हिमाचल प्रदेश का ऊना जिला अपनी समृद्ध धार्मिक विरासत और ऐतिहासिक मंदिरों के चलते मंदिरों की नगरी के रूप में अपनी नई पहचान बना रहा है। यहां के प्राचीन मंदिर, धार्मिक मेले और भव्य उत्सव न केवल स्थानीय लोगों के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार के प्रयासों से इन धार्मिक स्थलों का सौंदर्यीकरण और विस्तार किया जा रहा है, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।
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मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों की योजनाएं
हिमाचल सरकार ने ऊना जिले में स्थित प्रमुख धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण और उनके रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण निवेश किया है। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर, जो उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है, के भव्य निर्माण और मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, ऊना जिले में अन्य मंदिरों के सौंदर्यीकरण और आवश्यक सुविधाओं के विकास के लिए 20 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें विभिन्न धार्मिक स्थलों की मरम्मत, सड़कों के निर्माण और मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए धन आवंटित किया गया है।
धार्मिक पर्यटन से स्थानीय व्यापार और रोजगार को बढ़ावा
ऊना में धार्मिक पर्यटन के विकास से स्थानीय व्यापार, होटल व्यवसाय और परिवहन सेवाओं को नई ऊर्जा मिल रही है। धार्मिक स्थलों पर आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से होटल, भोजनालय और हस्तशिल्प व्यवसाय को सीधा लाभ मिल रहा है।
पर्यटन उद्योग में बढ़ोतरी से हजारों लोगों को रोजगार मिला है, जिससे ऊना की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसर खुले हैं।
धार्मिक उत्सव और मेले संस्कृति और अध्यात्म का संगम
ऊना जिले के पारंपरिक धार्मिक उत्सव और मेले यहां की संस्कृति की धरोहर हैं। प्रदेश सरकार इन उत्सवों को बड़े पैमाने पर आयोजित कर धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है।
2024 में पहली बार अंब में माता श्री चिंतपूर्णी महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। इसके अलावा, बंगाणा का पिपलू मेला, अंब का होली मैड़ी मेला और बाबा बाल जी द्वारा आयोजित धार्मिक सम्मेलन श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
हरोली उत्सव: भव्य आयोजन की तैयारी
इस वर्ष लंबे इंतजार के बाद राज्य स्तरीय हरोली उत्सव को पूरी भव्यता के साथ आयोजित करने की योजना बनाई गई है। 27 अप्रैल को शोभायात्रा के साथ इस उत्सव का शुभारंभ होगा। तीन दिवसीय सांस्कृतिक संध्याओं में स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकारों की प्रस्तुतियां महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेंगी।
पूरे महीने तक चलने वाले इस उत्सव में व्यावसायिक संस्थानों और स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, जिससे स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार की पहल से धार्मिक धरोहरों का संरक्षण
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ऊना जिले को धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पारंपरिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधाओं के समावेश से मंदिरों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।
सरकार की योजना केवल मंदिरों को भव्य बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार की ये पहल श्रद्धालुओं की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोल रही है।
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