हिमाचल के जिला सिरमौर को रेल के लिए भी फिर से जागी बजट की उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज (1 फरवरी 2025) को बजट 2025 पेश करने जा रही हैं। यह मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार ने 23 जुलाई 2024 को पहला बजट पेश किया था।
सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट होगा।इस बार के बजट से हिमाचल के सिरमौर जिले के लोगों को रेल सुविधा मिलने की उम्मीदें हैं। इसके अलावा, जीएसटी दरों में कटौती की भी उम्मीदें हैं।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
सैनिटरीवेयर कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि सरकार आगामी केंद्रीय बजट में सैनिटरीवेयर उत्पादों पर जीएसटी दरों में राहत देगी, जिससे उन्हें अधिक किफायती बनाया जा सके।
बजट से उम्मीदें टैक्स में छूट
उम्मीद है कि सरकार महंगाई और टैक्स के मोर्चे पर लोगों को कई अहम राहतें दे सकती है। सबसे बड़ा तोहफा टैक्स छूट के रूप में दिया जाएगा, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
उम्मीद जताई जा रही है कि 10 लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा। यानी इनकम टैक्स में इस बार बड़ी राहत मिल सकती है।अटल पेंशन योजना के तहत पेंशन राशि दोगुनी कर 10 हजार रुपये प्रति माह किए जाने की उम्मीद है।
आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है। अभी आर्थिक रूप से कमजोर और 70 साल से ज्यादा के बुजर्गों को इस योजना का फायदा मिलता है। 2025 का जो इकोनामिक सर्वे दिया गया है उसके अनुसार शुरू में जीडीपी काम रह सकती है मगर धीरे-धीरे यह रफ्तार पकड़ सकती है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम इस बार के बजट में बढ़ाने का अनुमान है। संसद की स्थायी समिति ने इसे 6 हजार रुपये सालाना से बढ़ाकर 12 हजार रुपये करने की सिफारिश की है।बजट पेश करने का समय:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी (शनिवार) को सुबह 11 बजे लोकसभा में अपना बजट भाषण शुरू करेंगी।
जबकि खबर लिखे जाने तक वह अभी अपने आवास से नहीं निकली थी। उम्मीद जताई जा रही है करीब 9:00 बजे के आसपास वह सीधे राष्ट्रपति भवन जाएंगी।एक्साइज ड्यूटी के साथ-साथ डीजल और पेट्रोल के दाम भी इस बार घटाए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
बुजुर्गों को रेलवे में किराए में छूट और रेल के किराए में भी कमी की उम्मीद जताई जा रही है। महिलाओं से जुड़ी योजनाओं में विस्तार भी लाया जा सकता है।
बड़ी बात ध्यान रखने वाली यह है कि भारत इस समय प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को अपनी योजनाओं में शामिल करना होगा क्योंकि भारत का कपटीशन अब अमेरिका और चीन से है। ऐसे में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट का होना बहुत जरूरी है।
क्योंकि हमारे देश की ग्रोथ रेट 8 फ़ीसदी से ऊपर होना जरूरी है। सवाल तो यह भी उठता है कि टैक्स देगा कौन जाहिर सी बात है प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ाने पर टैक्स देने वाले की भी खुद ब खुद पुष्टि होगी।
उधर दिल्ली चुनाव भी ऐसे में इस बजट को लेकर उम्मीदें आशा से ज्यादा जताई जा रही है। वहीं सरकार को अब यह भी सोचना होगा कि जो टैक्स पेयर है उसको किस तरह की राहत या प्रोत्साहन मिल रहा है। यह भी स्पष्ट करना होगा की जो व्यक्ति टैक्स दे रहा है उसका दिया हुआ पैसा कौन सी जगह लग रहा है।
आज भारत में मेक इन इन्डिया योजना सफल नहीं हो पा रही है। जिसका सीधा मतलब निकलता है की आयात करने वालों के साथ एक योजना बनाई जाए ताकि जो वह आयात करते हैं उसे देश में ही बनाया जा सके। ब्यूरोक्रेट को लाल बत्ती परंपरा से हटकर अब इन्वेस्टर के सा उत्पादक को भी कहीं न कहीं अपने चंगुल से मुक्त करना होगा।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





