Himachalnow / नाहन
हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण से हो रहे नुकसान पर हुआ गंभीर चिंतन
फ्रैंड्स ऑफ फॉरेस्ट संगठन की ओर से नाहन में अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस के मौके पर गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें संगठन के जिला अध्यक्ष डॉ. प्रदीप शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस विचार गोष्ठी में संगठन के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया. इस दौरान हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन और जैविक हस्तक्षेपों से होने वाले नुकसान पर चिंतन किया गया।
इस बारे आने वाले समय में विभिन्न सहभागियों से विभिन्न स्तरों पर गोष्ठियां और जागरुकता शिविर आयोजित करने पर रणनीति तैयार की गई। इस गोष्ठी में संगठन की ओर से जिला महासचिव दीनदयाल वर्मा, नाहन इकाई के अध्यक्ष ईश्वर चंद्र शर्मा, जिला इकाई के सचिव दिलीप सिंह सहित दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
मुख्यातिथि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए हिमालय क्षेत्र में पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में चिंता व्यक्त की और इसे बचाने के लिए अनेक प्रकार के सुझावों को साझा किया।
इस विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने बढ़ते जैविक दबाव और जलवायु परिवर्तन के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में हो रहे पारिस्थितिक तंत्र के विनाश पर गहन चिंता व्यक्त की, क्योंकि हिमालय क्षेत्र में होने वाले प्रकृति विनाश से समस्त जीवन तंत्र बुरी तरह से प्रभावित होगा। इससे धरती पर जीवन का अस्तित्व ही खतरे में आ जाएगा।
लिहाजा, सरकारी और स्थानीय लोगों के स्तर पर हिमालय और सभी पर्वत शृंखलाओं के पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण किया जाना बेहद जरूरी है।अब यदि पर्वतीय क्षेत्रों का सही प्रकार से संरक्षण और संवर्धन नहीं किया जाएगा तो पहले से ही पानी की समस्या से जूझ रही मानव जाति पूर्ण रूप से स्वच्छ हवा के लिए भी तरस जाएगी।
इस विचार गोष्ठी में ईरानी सिंह भारती, किशोरी लाल पराशर, बाबूराम पुंडीर, नारायण दत्त शर्मा, रामचंद्र, राजेंद्र ठाकुर मदन शर्मा, प्रेम सिंह, सतपाल शर्मा सहित अनेक पूर्व वन अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।